Indore Shivaji Kothi: इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी रखा गया है। वहीं, नाम बदलने के बाद से ही सियासी पारा हाई होने लगा है। बता दें कि, संस्था पुण्यश्लोका के लोगों ने रेसीडेंसी कोठी का नाम शिवाजी कोठी रखने पर विरेध जताया है। इतना ही नहीं कोठी पर देवी अहिल्या बाई कोठी रखने का बैनर लगाया है।
पुण्यश्लोका की मांग है कि, रेसीडेंसी कोठी का नाम देवी अहिल्या विश्राम गृह रखा जाए। संस्था के लोगों ने महापौर परिषद में फैसला लेने से पहले एक शहर की जनता से भी कर विचार विमर्श करने की भी बात कही है। बता दें कि, शुक्रवार को हुई इंदौर मेयर इन काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। 204 साल पहले रेसीडेंसी कोठी का निर्माण किया गया था।
मेयर इन काउंसिल की बैठक में लिए गए इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव ने भी विरोध जताया था। उन्होंने सोशल मीडिया नेटवर्क एक्स पर नामकरण के विरोध में पोस्ट करते हुए लिखा है कि, इंदौर में रेसीडेंसी कोठी का नामकरण देवी अहिल्या रेसीडेंसी कोठी रखना था। इंदौर विकसित करने में होलकर राजाओं का सर्वाधिक योगदान हैं। देवी अहिल्या बाई होलकर की उपेक्षा की गई है। महाराष्ट्र चुनाव में वोट बैंक के लिए शिवाजी के नाम पर नामकरण किया गया है।
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