जबलपुर, 11 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता के वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जनहित याचिका में दोनों राजमार्गों की मरम्मत और रख-रखाव की गुहार के साथ ही यह सुनिश्चित किए जाने का अनुरोध भी किया गया है कि इन बेहद व्यस्त सड़कों पर मवेशी न बैठें।
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने जबलपुर के वकील प्रांजल तिवारी की जनहित याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किए।
तिवारी के वकील प्रमोद सिंह तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जनहित याचिका में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 (जबलपुर-ग्वालियर) और राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 45 (जबलपुर-भोपाल) के कुछ हिस्सों की मरम्मत और रख-रखाव के लिए एनएचएआई, राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग को निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।
उन्होंने कहा,‘‘दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन सवारों से टोल वसूला जाता है। इसके बावजूद इनका उचित रख-रखाव नहीं किया जाता है।’’
याचिकाकर्ता ने कहा कि इन राजमार्गों के कुछ खंड पर गड्ढे हैं, मवेशियों के सड़कों पर बैठने से वाहनों की आवा-जाही बाधित होती है और इनके कारण होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जाती है।
जनहित याचिका में इस समस्या पर प्रकाशित समाचारों का हवाला भी दिया गया है। याचिका पर 26 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है।
भाषा हर्ष जोहेब
जोहेब
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