जबलपुर, 21 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा की उस याचिका का निस्तारण कर दिया, जिसमें उन्होंने कान्हा बाघ अभयारण्य के पास उनकी संपत्ति पर कथित निर्माण को लेकर अधिकारियों को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने का अनुरोध किया था।
अदालत ने कहा कि हुड्डा की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने अभयारण्य के ‘बफर जोन’ के पास कथित निर्माण के संबंध में उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द करने से भी इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति जी.एस. अहलूवालिया की एकल पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (हुड्डा) कोई निर्माण कर रहे हैं या नहीं, यह एक विवादित तथ्य है, जिस पर यह न्यायालय निर्णय नहीं कर सकता।’’
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उसने हुड्डा को जारी कारण बताओ नोटिस में लगाए गए आरोपों के गुण-दोष या बचाव में याचिकाकर्ता द्वारा दी गई दलीलों के गुण-दोष पर गौर नहीं किया है।
अदालत ने कहा कि कार्यवाही का निर्णय बालाघाट जिले के बैहर के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा रिकॉर्ड में आए साक्ष्यों के आधार पर किया जाएगा।
बालाघाट के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने 18 जून को रणदीप हुड्डा को नोटिस जारी किया था, जिसमें विभिन्न विभागों से अनिवार्य मंजूरी के बिना निर्माण कार्य शुरू करने के बारे में एक जांच समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्हें तुरंत काम रोकने का निर्देश दिया था।
अनुविभागीय अधिकारी ने याचिकाकर्ता को 19 जून को संबंधित अधिकारी के समक्ष पेश होने और निर्माण कार्य की मंजूरी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
इसके बाद, हुड्डा ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
भाषा शफीक सुभाष
सुभाष
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