इंदौर (मध्यप्रदेश), 28 नवंबर (भाषा) धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस सिलसिले में देश बेहद सक्रिय है और उसकी अलग-अलग एजेंसियां इन समस्याओं से सफलतापूर्वक लड़ रही हैं।
चौधरी ने इंदौर में यूरेशियन समूह (ईएजी) की 41वीं पूर्ण बैठक का उद्घाटन किया। इस मौके पर ईएजी के अध्यक्ष यूरी चिखानचिन और भारत के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा भी मौजूद थे।
वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि अपनी स्थापना की 20वीं वर्षगांठ मना रहे ईएजी ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस वैश्विक लड़ाई में भारत अत्यंत सक्रिय है। इस दिशा में देश की सक्रियता वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के मानकों के अनुरूप है जिसने इस साल अपनी पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट में देश को सबसे ऊंची रेटिंग दी है।’’
चौधरी ने कहा, ‘‘यह रेटिंग हमें आत्मसंतुष्ट नहीं बनाती है क्योंकि हम समझते हैं कि जोखिमों का परिदृश्य लगातार बदल रहा है और हमें हमेशा सतर्क रहना होगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के उपाय करना भारत के लिए केवल नियामकीय आवश्यकताएं नहीं हैं, बल्कि अपनी आर्थिक मजबूती और वित्तीय चैनलों को सुरक्षित करते हुए ‘बुरे तत्वों ‘को संसाधनों के दुरुपयोग से रोकने के लिए रणनीतिक अनिवार्यता भी है।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ‘स्वच्छ धन’ और ‘स्वच्छ अर्थव्यवस्था’ को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने धन शोधन, बेनामी लेन-देन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बनाए गए कानूनों में बदलाव करके प्रावधानों को सख्त बनाया है।
चौधरी ने कहा कि सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भी कानून बनाया ताकि उन लोगों का पीछा किया जा सके जो धन शोधन करने के बाद सुरक्षित ठिकानों पर भाग गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम कुछ भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत वापस ले आए हैं, जबकि अन्य अपराधियों को वापस लाने के लिए विदेशी अदालतों में लम्बित मुकदमों पर बल दिया जा रहा है।’
चौधरी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), वित्तीय आसूचना एकक (एफआईयू) और अन्य भारतीय एजेंसियां धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण की वैश्विक समस्याओं से सफलतापूर्वक लड़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) ने देश में नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने में चमत्कार कर दिया है।
समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि धन शोधन और आतंकवाद का वित्तपोषण अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और शांति के लिए खतरनाक हैं, लिहाजा ईएजी के जरिये इन समस्याओं के खिलाफ दुनिया के बड़े देशों का एकजुट होने का प्रयास वैश्विक अखंडता और मानवता के हितों की दिशा में बड़ा कदम है।
पटेल ने कहा कि धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए भारत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कई पुख्ता उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे ‘‘ऐतिहासिक रूप से साहसी कदमों’’ ने देश में कर चोरी रोकने और काले धन से निपटने में प्रभावी भूमिका निभाई है।
भाषा हर्ष
मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)