Contract health workers strike

प्रदेशभर में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारी, अपनी इन मांगों को लेकर सरकार को दी चेतावनी

Indefinite strike of contract health workers मध्यप्रदेश की राजधानी में पिछले कई दिनों से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

Edited By :   Modified Date:  May 24, 2023 / 12:41 PM IST, Published Date : May 24, 2023/12:41 pm IST

Indefinite strike of contract health workers : भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में पिछले कई दिनों से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। मांग पूरी नहीं होने पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हड़ताल करने के बावजुद अब भी मांग पूरी नहीं हुई तो 30 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। यही नहीं संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ग्रेड पे और कुछ स्ट्रीम्स के नाम बदलने की भी मांग कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि हड़ताल से पहले कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पूरे प्रदेश में काली पट्टी बांधकर कर काम रहे हैं। प्रशासन से 29 मई को कर्मचारी संघ ने CM से मुलाकात का समय मांगा है।

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रशासन पर लगाए ये आरोप

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि नियमित कर्मचारियों की तरह काम करने के बाद भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। सुविधाओं के नाम पर अधिकारी अड़ंगे लगाते हैं, अवकाश की पात्रता नहीं है, हर काम में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जा रहा है लेकिन उस अनुरूप सुविधा नहीं मिलती है। मांगों पर विचार करने की जगह कर्मचारियों पर ही कार्रवाई की जाती है। जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक विरोध दर्ज कराएंगे।

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की प्रमुख मांगें

Indefinite strike of contract health workers : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए। अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए। सीएचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स ठेका प्रथा खत्म की जाए। सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए। निष्कासित कर्मचारियों को शत-प्रतिशत वापस लिया जाए।

5 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए।

 

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