भोपाल: इस वक्त आपको टीवी चैनलों पर, सोशल मीडिया पर हर जगह तालिबान के और ISIS के खौफनाक कारनामों की ख़बरे दिखाई देगी। लेकिन शांति के टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में भी एक ऐसी घटना हुई है जिसने तालिबान की तरह थर्रा दिया हैं। नीमच जिले में हुई इस बेहद दर्दनाक घटना नें वहां गुजरने वालों और देखकर वीडियों बनाने वालों की भी सांसे रोक दी। लेकिन दरिंदे नहीं रुके और एक वाह के पीछे घसीटते हुए सीधे मौत के मुंह में पहुंचा दिया। अब सवाल उठता है कि उस कानून व्यवस्था पर जिसका खौफ इन बेरहमों को नहीं है? आखिर कब तक प्रदेश में जुल्मों सितम की घटनाएं सामने आती रहेंगी?
दरिदंगी की ये घटना नीमच जिले के सिंगोली की है, जहां एक आदिवासी युवक को सरेआम वाहन के पीछे बांधकर घसीटा गया। वो मिन्नतें मांगता रहा पर किसी ने उस पर रहम नहीं की और आखिरकार उसने अस्पताल में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इंसानियत को झकझोरने वाली तस्वीरें 26 अगस्त की बताई जा रही है। आरोपियों ने बर्बरता का वीडियो भी खुद ही बनाया और वायरल कर दिया। वायरल वीडियो सामने आते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और नीमच एसपी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इस पूरे मामले में 8 लोगों के खिलाफ हत्या और एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज करने के आदेश दिया।
नीमच में जो कुछ घटा, उसने जुल्मों सितम की सारी हदें पार कर दी। तस्वीरें सामने आने के बाद कांग्रेस को प्रदेश कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका मिल गया। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया कि सतना, इंदौर, देवास और अब नीमच में अमानवीयता की घटनाएं पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल, लोग बेखौफ होकर कानून हाथ में ले रहे हैं। कानून का कोई डर नहीं, सरकार नाम की चीज कहीं भी नजर नहीं आ रही। नीमच की घटना को लेकर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है, तो बीजेपी उसका बचाव।
जाहिर तौर पर प्रदेश में नीमच जैसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। हर बार जिम्मेदार ये दावा करते हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। प्रदेश में कानून राज है, लेकिन बार-बार ऐसी घटनाएं सवाल तो उठाती है, ऐसी हमारे देश में जहां लोकतंत्र है वहां किसी युवक को तालिबानी सजा देना कहां तक जायज है?