HC on MPPSC Main Exam: MPPSC मुख्य परीक्षा-2025 को लेकर बड़ी खबर, इस वजह से हाईकोर्ट ने लगाई रोक, इस चीज के लिए 15 अप्रैल तक का समय

MPPSC मुख्य परीक्षा-2025 को लेकर बड़ी खबर, इस वजह से हाईकोर्ट ने लगाई रोक, High Court stays MPPSC Main Exam 2025

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  • Publish Date - April 3, 2025 / 02:50 PM IST,
    Updated On - April 3, 2025 / 02:59 PM IST
physical relations in a love affair, file image

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भोपालः HC on MPPSC Main Exam मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग (MPPSC) को बड़ा झटका दिया है। वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी न करने और आरक्षित वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों को अनारक्षित पदों पर चयन से वंचित करने के आरोपों के चलते हाईकोर्ट ने MPPSC मुख्य परीक्षा 2025 पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रीलिम्स परीक्षा के कैटेगरी वाइज कट ऑफ मार्क्स की रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।

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HC on MPPSC Main Exam दरअसल, लोक सेवा आयोग ने 5 मार्च 2025 को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया था, जिसमें कुल 158 पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया गया, लेकिन वर्गवार कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किए गए थे। जबकि इससे पहले की सभी परीक्षाओं में वर्गवार कट ऑफ अंक जारी किए जाते रहे हैं। इसी को लेकर भोपाल निवासी सुनीता यादव, नरसिंहपुर निवासी पंकज जाटव और बैतूल निवासी रोहित कावड़े ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसलों को बायपास करते हुए पीएससी ने अनारक्षित पदों के खिलाफ आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए चयनित नहीं किया है। अनारक्षित पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित करके प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है। कोर्ट को बताया गया कि आयोग ने इस असंवैधानिक गलती को छुपाने के मकसद से 2025 की प्रारंभिक परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स भी जारी नहीं किए गए हैं। जबकि नियमानुसार हर एक चरण की परीक्षा में वर्गवार कट ऑफ अंक जारी किए जाने का प्रावधान है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2025 पर रोक लगा दी। प्रीलिम्स परीक्षा के कैटेगरी वाइज कट ऑफ मार्क्स की रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।

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उमंग सिंघार ने सरकार पर साधा निशाना

हाईकोर्ट की रोक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC मुख्य परीक्षा 2025 पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बायपास करते हुए, बीजेपी सरकार ने आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित सीटों पर शामिल नहीं किया और वर्गवार कटऑफ अंक भी जारी नहीं किए। इस स्पष्ट अन्याय के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का रुख किया और हाईकोर्ट ने पीएससी को निर्देश दिया कि 15 अप्रैल से पहले वर्गवार कटऑफ मार्क्स और आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों का डेटा पेश करें जिन्हें अनारक्षित सीटों पर चयनित किया गया था। क्या यही है बीजेपी सरकार का न्याय और समावेशी विकास का वादा है? क्या सबका साथ सिर्फ दिखावा है? क्या विकास का मतलब सिर्फ कुछ ही लोगों तक सीमित है?

MPPSC मुख्य परीक्षा 2025 पर रोक क्यों लगी है?

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC मुख्य परीक्षा 2025 पर रोक इसलिए लगाई क्योंकि राज्य लोक सेवा आयोग ने वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी नहीं किए थे और आरक्षित वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों को अनारक्षित पदों पर चयन से वंचित किया था। कोर्ट ने आयोग से इन मुद्दों पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

क्या MPPSC ने वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी नहीं किए थे?

हां, MPPSC ने 5 मार्च 2025 को राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया, लेकिन वर्गवार कट-ऑफ अंक जारी नहीं किए गए, जबकि पिछली परीक्षाओं में यह प्रथा रही है। इसके कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन में अनियमितता का आरोप लगा है।

हाईकोर्ट ने MPPSC से क्या रिपोर्ट मांगी है?

हाईकोर्ट ने MPPSC से 15 अप्रैल 2025 तक प्रीलिम्स परीक्षा के वर्गवार कट-ऑफ अंक और उन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का डेटा पेश करने का आदेश दिया है, जिन्हें अनारक्षित पदों पर चयनित किया गया था।

MPPSC पर इस फैसले का क्या असर हो सकता है?

इस फैसले से MPPSC को अपनी चयन प्रक्रिया में सुधार करना होगा और 15 अप्रैल 2025 तक आवश्यक रिपोर्ट पेश करनी होगी। अगर रिपोर्ट में कोई असंवैधानिक बात पाई जाती है, तो उसे सही किया जाएगा।

क्या नेता प्रतिपक्ष ने इस फैसले को लेकर सरकार पर कोई टिप्पणी की है?

हां, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों को बायपास करते हुए आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित पदों पर चयन से वंचित किया और वर्गवार कट-ऑफ अंक भी जारी नहीं किए।