ग्वालियर: ‘द सिंधिया स्कूल फोर्ट’ स्कूलिंग की दुनिया की वो पाठशाला जहां से पढ़कर कोई बड़ा बिजनेस बना तो कई देश की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल रहा है। अब ‘द सिंधिया स्कूल फोर्ट’ अपनी 12वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी सहित कई खास मेहमान शिरकत करने वाले हैं। यह समारोह 21 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी, जिसकी जोरों शोरों से तैयारियां चल रही है। अहम बात ये है कि इस कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों हाईटेक सिक्योरिटी से गुजरना होगा। जी हां मेहमानों को QR Code स्कैन करने के बाद ही एंट्री मिलेगी।
इस समारोह में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित हैं। वहीं, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, तकनीकी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, सिंधिया एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष आरएस पवार भी शामिल होंगे। इस दौरान पीएम मोदी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का शिलान्यस करेंगे।
स्कूल में बनने वाला यह स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स आधुनिक सुविधाओं से युक्त रहेगा। इसका डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है। इसमें बैडमिंटन, बॉस्केटवॉल, बॉलीबॉल कोर्ट सहित उनके लिए स्पोर्ट्स से संबंधित सभी सुविधाएं होंगी। पीएम को कॉम्प्लेक्स का नक्शा और डिजाइन भी दिखाया जाएगा।
स्कूल में मुंबई की सुमित नागदेव डांस अकेडमी की ओर से डांस ड्रामा की प्रस्तुति दी जाएगी, जिसमें 100 से ज्यादा विद्यार्थी शामिल होंगे। सुमित ने तारे जमीन पर बॉलीवुड फिल्म के एक्टर दर्शील सफारी की हिंदी फिल्म हो जा मुक्त को डायरेक्ट किया है। इस फिल्म की कहानी भी लिखी है। यह फिल्म मार्च में रिलीज हुई है। वह 2015 से फिल्मों के लिए काम कर रहे हैं। वहीं 22 अक्टूबर को मीत ब्रदर्स की म्यूजिकल नाइट का आयोजन किया जाएगा।
सरदार स्कूल (सिंधिया स्कूल) की स्थापना 1897 में एचएच महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी, जो बाद में सिंधिया स्कूल के नाम से जाना गया। 1 जुलाई 1933 को सरदार स्कूल का नाम बदलकर सिंधिया स्कूल कर दिया गया और आम जनता के लिए भी इसे खोल दिया गया। साथ ही स्कूल को फूलबाग से महल में शिफ्ट कर दिया गया। इससे पहले इस में स्कूल में जागीरदारों और सरदारों को ही पढ़ाया जाता था, लेकिन महाराजा जीवाजीराव सिंधिया ने नियमों में बदलाव करते हुए 1933 में इसे आम जनता के लिए खोलने का फैसला किया।
सिंधिया स्कूल सिर्फ नाम से नहीं बल्कि नवाचार को लेकर भी अलग पहचान रखता है। जब पूरी दुनिया में लोग आईटी को जानना शुरू कर रहे थे तक स्कूल ने अपने पाठ्यक्रम में आईटी का कोर्स शामिल किया। जी हां सिंधिया स्कूल में साल 1984 में पाठ्यक्रम में आईटी को शामिल गया था। इस दौर में ऐसा करने वाला भारत का पहला स्कूल था। आज स्कूल एचएच ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व वाले बोर्ड के कुशल मार्गदर्शन में वैश्वीकरण और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देते हुए अपने नए युग की शिक्षाशास्त्र के साथ खड़ा है।
वैसे तो सिंधिया स्कूल में सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई होती है, लेकिन यहां खेलों को भी महत्व दिया जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले कई छात्र नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अपना लोहा मनवा चुके हैं। सिंधिया स्कूल में छात्रों को घुड़सवारी के अलावा 18 प्रकार के खेलों को सिखाया जाता है। साथ ही छात्रों को पर्वतारोहण, स्कीइंग, साइकिलिंग और ट्रेकिंग की भी शिक्षा दी जाती है। वहीं, सिंधिया स्कूल छात्रों को कलाकार बनाने में कहीं भी पीछे नहीं है। यहां लकड़ी का काम, पेपर-मेशी, पत्थर का काम, कला और डिजाइन, धातु का काम के साथ-साथ हस्तशिल्प की भी शिक्षा दी जाती है।
सिंधिया स्कूल में दो एप्टीट्यूड टेस्ट कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट (CAA) और सिंधिया स्कूल एप्टीट्यूड असेसमेंट (SAA) के माध्यम से एडमिशन से होता है। एप्टीट्यूड असेसमेंट में गणित, अंग्रेजी, हिंदी/सामान्य जागरूकता शामिल है। एप्टीट्यूट टेस्ट का सेंटर कोलकाता, मुंबई, नई दिल्ली, लखनऊ और ग्वालियर में मिलता है।
छत्तीगसढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव, बॉलीवुड के ‘भाईजान’ सलमान खान, सूरज बड़जात्या, अनुराग कश्यप, अली असगर समेत कई नेता, उद्योगपति और फिल्म अभिनेताओं ने पढ़ाई की है।
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