Santosh Anand Saraswati Maharaj : ग्वालियर। महामंडलेश्वर राजगुरुस्वामी संतोषन्द सरस्वती महाराज ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। IBC24 से बात करते हुए कहा कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को कोशिश करनी चाहिए। तुलसी सहित्य मूल रूप में बना रहे। उस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। आपने अगर कोई सहित्य लिखा हो तो बताएं, जो सर्वमान्य हो, तुलसी सहित्य पर उनका टिप्पणी करना, उनकी योग्यता नहीं बल्कि, अयोग्ता बताता है।
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आपके शिष्य एक स्लोक ठीक से नही बोल पाते है, रठ कर बोलते है, रठने का काम तोते का होता है, जगद्गुरु का काम संरक्षण देना होता है। इसके साथ ही उन्होनें ये भी कहा है। जगद्गुरु की शारीरिक क्षमताएं होती है। तब बनाया जाता है। शारीरिक विकलांगता का ध्यान रखा जाता है। नेत्रहीन नहीं होते जगतगुरू।
Santosh Anand Saraswati Maharaj : आपको बता दें कि कुछ समय पूर्व जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने तुलसी सहित्य पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद महामंडलेश्वर राजगुरुस्वामी संतोषन्द सरस्वती महाराज ने पूर्व जगद्गुरु के बयान पर बड़ी बात कही है।