ग्वालियर। Mahadji Scindia Death Anniversary: सिंधिया राजवंश के संस्थापक राणोजी राव सिंधिया के पांचवें पुत्र महादजी सिंधिया का आज पुण्यतिथि है। पुण्यतिथि के मौके पर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया है। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि महादजी सिंधिया ने छत्रपति महाराज का स्वराज का सपना पूरा किया है। मराठा फौज ने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान किया। मेरे परिवार के 16 पूर्वजों ने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। महादजी सिंधिया का पानीपत की तीसरी लड़ाई में एक ही वंशज बचे थे। रणभूमि एक पैर कटने के बाद, अपाहिज होने के बाद भी दोबारा से सेना को खड़ा करके अटक से खटक तक मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 10 फरवरी 1771 एक हिंदू राजा ने पहली बार लाल किले पर झंड़ा फहराया, वो महादजी सिंधिया थे। एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए महादजी सिंधिया ने देश में 32 साल तक राज्य किया। उनकी सोच विचारधारा आक्रमणकारियों को भारत के बाहर रोकने की थी। अग्रेजों ने अपनी किताब में भी लिखा था कि देश में राज करने में सबसे बड़ा कांटा महादजी सिंधिया है।
Mahadji Scindia Death Anniversary: महादजी सिंधिया ने अपना सम्राज्य नहीं बनाया, बल्कि छत्रपति शिवाजी का सपना सकार किया। यमुना से पहली बार दिल्ली को पानी, सीवर, हिंदू अस्पताल उनके कार्यकाल बना। आध्यत्मिक शक्ति को पूर्ण जीवत करने में काशी, मथुरा, इलाहबाद में मंदिर घाट की स्थापना महादजी सिंधिया की है, आज उनकी स्मृतियों को मैनें नमन किया है।
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