Reported By: Nasir Gouri
, Modified Date: March 15, 2024 / 01:20 PM IST, Published Date : March 15, 2024/1:20 pm ISTग्वालियर।Gwalior News: चंबल नदी में अवैध रेत खनन के बाद अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेच ने नशीले पदार्थ की खेती पर भी सैटेलाइट से निगरानी का विचार सुझाया है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक मामले की सुनवाई के बाद आदेश में सवाल किया है कि क्या सैटेलाइट निगरानी या मिट्टी सैंपलिंग से मादक पदार्थों की खेती का रिकॉर्ड रखा जाना संभव है? इसके अलावा डीएनए सैंपलिंग, कार्बन डेटिंग या मिट्टी में मार्कर डालकर यह पता किया जा सकता है कि कोई मादक पदार्थ किस खेत में उगाया गया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि और गांधीनगर की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से इस बारे में सुझाव लिए जाएं। साथ ही ऐसा कैटलॉग तैयार करने का सुझाव भी दिया है, जिसमें क्षेत्रवार मादक पदार्थों की खेती की पूरी जानकारी उपलब्ध हो सके। यह सुझाव 22 अप्रैल तक मांगे गए हैं।
दरअसल, मुरैना की बानमोर पुलिस ने गांजा तस्करी के केस में धारा 27 के मेमो के आधार पर मुकेश मीणा को गिरफ्तार किया गया। 23 अक्टूबर से वह जेल में बंद है। आरोपी की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन पर पैरवी करते हुए एडवोकेट राजमणि बंसल ने तर्क दिया कि पुलिस ने केस में उसे झूठा फंसाया है। उसने कभी गांजे की खेती नहीं की। इसी दलील के आधार पर हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की खेती को लेकर उक्त सवाल पूछे। मुकेश को हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी।
Gwalior News: बता दें कि चंबल नदी के घाटों पर रेत खनन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने 2011-12 में सैटेलाइट इमेजरी के आदेश दिए थे। 2012 में सेटेलाइट इमेजरी कराई गई, जिसमें 96 स्थानों की रिपोर्ट तैयार की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि अवैध खनन के कारण खनिज संपदा तेजी से घट रही है। जिसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने हर 3 महीने में सैटेलाइट इमेजरी के निर्देश दिए थे लेकिन अगस्त 2012 के बाद सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग नहीं किया गया।
बच्चे न होने की वजह से पति ने पत्नी को…
52 mins ago