Effect of lawyers strike: ग्वालियर। मध्यप्रदेश में वकीलों की स्ट्राइक से अब पक्षकारों को परेशानी बढ़ने लगी है। ताजा हालात हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच का है। जहां वकील कोर्ट में पैरवी करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे मे एक मां को एक केस में गवाही के लिए कोर्ट के अंदर जाना था। वकील नहीं गए तो वह खुद पहुंच गई। लेकिन इसकी सबसे हैरान करने वाली तस्वीर यह है कि उसने अपनी 2 महीने की बच्ची को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के सामने ही बबूल के पेड़ मैं झूला बना दिया।
Effect of lawyers strike: पक्षकारों की माने तो बीते चार-पांच दिनों से वह कोर्ट आ रहे थे। लेकिन वकील पैरवी नहीं कर रहे है, इसलिए वह खुद कोर्ट में अपने केस की पैरवी करने के लिए पहुंचे है। ऐसे में ज्योति अपनी दूध मुही बच्ची को बबूल के पेड़ पर झूला बनाकर कोर्ट पहुंची।
Effect of lawyers strike: मध्य प्रदेश में वकीलों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है। स्टेट बार काउंसिल आज भी हड़ताल पर अडिग है। जिसके कारण एमपी के 92 हज़ार वकील आज भी हड़ताल पर है। वहीं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट राज्य अधिवक्ता परिषद अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया का कहना है कि आज बीच का रास्ता निकल सकता है, क्योंकि कोर्ट ने भी मीटिंग बुलाई है। जिसके बाद उन्होंने ने भी शाम को मीटिंग कॉल की है। जिसके बाद अगली रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।
Effect of lawyers strike: आपको बता दें कि 23 मार्च प्रदेशभर के वकीलों की कलमबंद हड़ताल चल रही है। प्रकरण निराकरण की नई योजना के विरोध में वकीलों की ये हड़ताल है। हाईकोर्ट ने पुराने 25 प्रकरणों को तीन महीने में निपटाने का आदेश दिया है। सभी जिला अदालतें में तीन महीने में 25 पुराने केस निपटाने का आदेश है। जिसके विरोध में वकील है। एमपी की अदालतों में 19 लाख 78 हज़ार केस पेंडिंग है।
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