Encounter between forest workers and mafia: गुना। जिला और विदिशा जिले की सीमा पर सागवान की लकड़ी की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। घनघोर जंगल को काटा जा रहा है। वेश कीमती सागवान की लकड़ी की तस्करी कर वन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह इनके रखवालों पर हमला करने से भी परहेज नहीं करते। ऐसा ही एक मामला एमपी के गुना का सामने आया है। जहां सागौन तस्करों ने फॉरेस्ट टीम पर हमला कर दिया। तस्करों के पथराव में तीन आरक्षक घायल हो गए। इसके साथ ही वाहन में भी तोड़फोड़ की गई।
मुठभेड़ में तीन आरक्षक घायल
इन माफियाओं व वन विभाग की टीम के बीच में आज मुठभेड़ हुई है। हालांकि लकड़ी तस्कर सागौन की सिल्लीयां छोड़कर भाग निकले, जिन्हें जब्ती में लिया गया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मधुसूदनगढ़, आरोन, बीनागंज, चाचौड़ा, मृगवास क्षेत्र में सागौन के जंगल काटे जा रहे हैं लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बड़ा सवाल यह है कि मधुसूदनगढ़, आरोन, बीनागंज, चाचौड़ा, मृगवास क्षेत्र में सागवान के जंगल काटे जा रहे हैं, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जब वन विभाग की टीम इन पर कार्रवाई करने पहुंचती है तो उन पर इस तरह के हमले कर दिए जाते हैं। जिसके चलते जंगल कटाई पर रोक नहीं लग पा रही है। कई बीघा जंगल काटा जा चुका है। अब देखना होगा की कितने माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं कितने लकड़ी तस्करों को पकड़ा जाता है यह आने वाला वक्त ही बताएगा। IBC24 से नीरज योगी की रिपोर्ट
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