भोपालः Government Employees Salary will not Increase मध्यप्रदेश से सरकारी कर्मचारियों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। तबादले या उच्च पद की जिम्मेदारी लेने के डर से पदोन्नति नहीं लेने वाले कर्मचारियों को अब आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। सरकार अब इन कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं देगी। प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. 29 अगस्त से ही यह संशोधन लागू हो गया है। इधर मोहन सरकार के फैसले से कर्मचारी संगठनों में नाराजगी है। इसका विरोध जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।
Government Employees Salary will not Increase सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक चार स्तरीय समयमान वेतनमान लागू किए जाने के बाद कर्मचारियों को निर्धारित सेवा पूरी होने के बाद वरिष्ठ पद का वेतनमान का लाभ दिया जाता था, लेकिन जब उन्हें उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता था तो कई कर्मचारी पदोन्नति लेने से इंकार कर देते थे। ऐसी स्थिति में कर्मचारी को दी गई क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाता था। साथ ही पदोन्नति आदेश में भी इसका उल्लेख किया जाता था। यदि शासकीय कर्मचारी इस पदोन्नति को छोड़ता है तो उसे पदोन्नति के एवज में पहले से दी जा रही क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जाएगा।
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बता दें कि मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को पिछले सवा आठ साल से पदोन्नति नहीं मिल रही है, पर जब मिलती थी, तब कर्मचारी तबादले या बड़े पद की जिम्मेदारी से बचने के लिए छोड़ देते थे। उनका तर्क रहता था कि जब उस पद का वेतनमान मिल ही रहा है, तो पदोन्नति लेकर तबादले का जोखिम क्यों उठाएं। ऐसे ही कुछ कर्मचारी वरिष्ठ पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। क्योंकि इससे उनकी जिम्मेदारी बढ़ेगी और परेशानी भी। जबकि उस पद का आर्थिक लाभ मिल ही रहा है। ऐसे में अब मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए क्रमोन्नति योजना में बदलाव कर दिया है।
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