जबलपुर: गाड़ियों के लिए मनपसंद नंबर लेना अब स्टेटस सिंबल बन गया है। यही वजह है कि दो पहिया हो या फिर चार पहिया, वाहन मालिक कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। बता दें कि इसीलिए परिवहन विभाग ने चॉइस वाले नंबरों के लिए बोली और नीलामी जैसी प्रक्रिया की शर्तें लागू की हैं। जन्म की तारीख से लेकर जन्म के साल से जुड़े नंबरों के लिए युवा वर्ग खासी दिलचस्पी दिखा रहा है।
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परिवहन विभाग के मुताबिक चॉइस पर आधारित नंबरों के लिए शासन ने पांच से 7 हज़ार का शुल्क निर्धारित किया है, जबकि नीलामी के जरिए कम से कम 15 हजार की बोली लगाना जरूरी है। सरकार ने इसे अब कमाई का जरिया बना लिया है। मनपसंद नंबरों के लिए युवाओं में क्रेज़ इस कदर बढ़ गया है कि वे अपनी बाइक के लिए जमकर बोली लगा रहे हैं। मनमाफिक नंबरों के लिए लोग निर्धारित राशि से भी लोग ज्यादा रकम खर्च करने तैयार हैं।