ग्वालियर, 11 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में पकड़े गए कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप सिंह डल्ला के दो साथियों के पास ऑस्ट्रेलिया और चीन में बनी पिस्तौल व विदेशी आईएमईआई नम्बर वाले मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, नवजोत सिंह उर्फ नीतू और अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल नामक दो आरोपियों को एक यूट्यूबर की हत्या के सिलसिले में रविवार को पंजाब में गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने सात नवंबर को ग्वालियर के डबरा इलाके में जसवंत सिंह गिल की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। गिल को अपनी पत्नी के रिश्ते के भाई सुखविंदर की हत्या के लिए 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह 28 अक्टूबर से पैरोल पर जेल से बाहर आया था।
अधिकारी ने कहा कि सुखविंदर के भाई सतपाल ने सात नवंबर को हत्या को अंजाम देने के लिए कनाडा से अपने रिश्ते के भाई जीतू सिंह उर्फ जीता को संभवतः 2.50 लाख रुपये भेजे थे।
उन्होंने बताया, “ दो पिस्तौल मिली हैं जिनमें से एक ऑस्ट्रेलियाई ‘ग्लॉक’ पिस्तौल और दूसरी चीनी निर्मित पिस्तौल है और उनकी कीमत 15-15 लाख रुपये है। इनमें से एक पिस्तौल और विदेशी आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) वाले मोबाइल फोन का इस्तेमाल सात नवंबर को हत्याकांड को अंजाम देने के लिए किया गया था।”
अधिकारी ने बताया कि उनकी जांच में पता चला है कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद नवजोत एवं अनमोलप्रीत टैक्सी से बृहस्पतिवार देर रात चंडीगढ़ भाग गए। इस टैक्सी को सतपाल ने बुक कराया था।
उन्होंने बताया कि ग्वालियर में जिस होटल में वे रुके थे, वहां से मिले पहचान पत्र के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस को दोनों के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद पंजाब पुलिस से संपर्क किया गया।
अधिकारी ने बताया, “ हमने पंजाब पुलिस को उनकी तस्वीरें भेजी हैं। दोनों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया और पंजाब पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बाद में हम उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाएंगे। वे सात नवंबर को ही होटल में आए थे। जीता ने उन्हें स्थानीय जानकारी दी।”
अधिकारी ने कहा कि जब पीड़ित गिल पैरोल पर बाहर आया तो सतपाल ने जीता को एक लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए तथा शेष 1.50 लाख रुपये सात नवंबर को वारदात के बाद ऑनलाइन भेजे गए।
उन्होंने कहा, “ नवजोत और अनमोलप्रीत के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद सतपाल ने उनकी ओर से कुछ भुगतान ऑनलाइन किए। हम सतपाल के ऑनलाइन लेन-देन पर नज़र रख रहे थे और पंजाब के अपने समकक्षों के साथ सारी जानकारी साझा कर रहे थे। गिल द्वारा सुखविंदर की हत्या के बाद सतपाल और उसका परिवार कनाडा चले गए। लेकिन सतपाल कभी-कभार यहां आता रहता था।”
अधिकारी ने कहा कि पंजाब पुलिस के अनुसार दोनों कथित शूटर डल्ला गिरोह के हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर टिप्पणी नहीं करेंगे कि कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी की सात नवंबर को की गई हत्या में कोई भूमिका है या नहीं।
अर्श डल्ला पर पंजाब में लक्षित हत्याओं, आतंकवाद के वित्तपोषण और जबरन वसूली में शामिल होने का आरोप है। उसे पिछले साल जनवरी में भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था।
भाषा नोमान रंजन
रंजन
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