भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: अन्नदाता किसानों की जो इन दिनों खाद की कमी से जूझ रहे हैं। लंबी कतारों में खड़े किसानों की तस्वीरें प्रदेश की हालात बताने के लिए काफी है, लेकिन सियासी दलों को किसानों की समस्या में भी अवसर और राजनीति ही दिख रही है। नतीजा ये कि जुबानी तलवारें भांजी जा रही हैं। खाद पर बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं दावे-प्रतिदावे हो रहे हैं, लेकिन असर मुद्दे को एड्रेस करने की चिंता भी क्या कोई कर रहा है।
अशोकनगर और कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के गृह जिले मुरैना की यह तस्वीरें पूरे प्रदेश का हाल बताने के लिए काफी है कि प्रदेश में खाद का संकट तो है। पूरे रबी सीजन के लिए 8 लाख मीट्रिक टन DAP की मांग है,ग्वालियर-चंबल अंचल में खाद को लेकर कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना के जिले मुरैना में सबसे ज्यादा मारामारी है। यहां डीएपी खाद की मांग 24,500 मीट्रिक टन है जबकि सरकार ने अब तक मात्र 8,247 मीट्रिक टन ही उपलब्ध कराया है। लेकिन फिर भी सरकार का दावा है कि प्रदेश में रबी 2024 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हैं और किसानों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। वहीं जिम्मेदार किसानो की चिंता को हल करने के बजाय एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में व्यस्त है।
Face To Face Madhya Pradesh: एक तरफ कांग्रेस किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर है, तो दूसरी ओर सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए प्रदेश में पर्याप्त खाद उपलब्ध होने के दावे किए हैं। अब देखना होगा कि खाद संकट का समाधान कैसे निकलता है और प्रदेश के किसानों को राहत मिलती है या नहीं।
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