जबलपुर, 11 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एवं पूर्व उप लोकायुक्त उमेश चंद्र माहेश्वरी की ओर से दायर याचिका पर प्रधान महालेखाकार, ग्वालियर को नोटिस जारी किया है। माहेश्वरी ने याचिका में अपने ग्रेच्युटी भुगतान के लिए निर्देश मांगे हैं।
मुख्य न्यायाधीश एस के कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने बुधवार को पूर्व न्यायाधीश की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किए।
न्यायमूर्ति माहेश्वरी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के बाद उप लोकायुक्त बने थे। उनकी याचिका के अनुसार माहेश्वरी को 28 जून, 2016 से मध्यप्रदेश का उप लोकायुक्त नियुक्त किया गया था और उन्होंने 27 जून, 2022 तक अपनी सेवाएं दीं।
पूर्व न्यायाधीश के वकील साकेत अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि याचिका में प्रधान महालेखाकार (ए एंड ईटीटी) ग्वालियर के पिछले साल 13 जून के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उनके मुवक्किल को उप लोकायुक्त के रूप में ग्रेच्युटी भुगतान को अस्वीकार कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार और राज्यपाल ने पहले ही भुगतान को मंजूरी दे दी है, लेकिन प्रधान महालेखाकार ने लोकायुक्त (उप-लोकायुक्त) अधिनियम, 1981 की धारा 5(5) और उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के विपरीत आदेश जारी किया।
अग्रवाल ने कहा कि अदालत ने राज्य सरकार और लोकायुक्त कार्यालय के सचिव को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
उन्होंने कहा कि उप लोकायुक्त के पद पर काम करने के लिए ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए प्रासंगिक नियमों के तहत ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार भुगतान किया जाना चाहिए।
भाषा
सं, दिमो, रवि कांत
रवि कांत
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