एक माह से फरार पूर्व कांस्टेबल अदालत पहुंचा, आत्मसमर्पण की अर्जी लगायी |

एक माह से फरार पूर्व कांस्टेबल अदालत पहुंचा, आत्मसमर्पण की अर्जी लगायी

एक माह से फरार पूर्व कांस्टेबल अदालत पहुंचा, आत्मसमर्पण की अर्जी लगायी

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Modified Date: January 27, 2025 / 06:57 PM IST
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Published Date: January 27, 2025 6:57 pm IST

भोपाल, 27 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश परिवहन विभाग का एक पूर्व कांस्टेबल आय के ज्ञात स्रोत से कथित रूप से अधिक संपत्ति अर्जित करने मामले में सोमवार को भोपाल की एक अदालत में पेश हुआ और आत्मसमर्पण के लिए उसने आवेदन दायर किया। लोकायुक्त पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार जब छापेमारी के दौरान पता चला कि उसने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित की है, तब से वह फरार हो गया था।

हालांकि, पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है और अदालत ने उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश होने को कहा है।

शर्मा दिसंबर के मध्य में तब सुर्खियों में आ गया था, जब लोकायुक्त पुलिस ने उसके विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर 2.87 करोड़ रुपये नकद समेत करीब आठ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। तब से वह फरार था।

उसके वकील राकेश पराशर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जी हां, सौरभ शर्मा सुबह लोकायुक्त मामलों के विशेष न्यायाधीश आर पी मिश्रा की अदालत में पेश हुए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मिश्रा ने उन्हें मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे अपनी अदालत में पेश होने को कहा है।’’

वकील ने कहा कि अदालत ने उनके मुवक्किल को भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था से केस डायरी (उनके खिलाफ आरोपों की सूची) न मिलने पर समय दिया।

संपर्क करने पर मध्यप्रदेश लोकायुक्त पुलिस के महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने कहा, ‘‘ शर्मा ने आज विशेष अदालत में आत्मसमर्पण के लिए आवेदन दिया। उसने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है। उसने बस आवेदन दिया है।’’

लोकायुक्त पुलिस ने 18 और 19 दिसंबर को शर्मा से जुडे परिसरों पर छापा मारा था। उसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने भी तलाशी ली और मामले की समानांतर जांच शुरू की।

लोकायुक्त पुलिस ने शर्मा के परिसरों पर छापेमारी के दौरान 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी समेत 7.98 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाने और जब्त करने का दावा किया था।

लोकायुक्त पुलिस ने पहले बताया था कि शर्मा के पिता राज्य सरकार में डॉक्टर थे और 2015 में उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद, उसे 2015 में अनुकंपा के आधार पर परिवहन विभाग में कांस्टेबल की नौकरी मिली और 2023 में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

लोकायुक्त के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व पुलिस अधिकारी शर्मा ने भ्रष्ट तरीकों से कमाये पैसे का इस्तेमाल बड़ी संपत्ति बनाने में किया। शर्मा ने इस पैसे का इस्तेमाल करके अपनी मां, पत्नी, साली और करीबी सहयोगियों– चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर एक स्कूल और होटल बनवाया।

अधिकारी ने 19 दिसंबर को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि पूर्व कांस्टेबल से जुड़े परिसरों पर तलाशी के दौरान अब तक 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली है।

उन्होंने बताया कि छापेमारी के बाद शर्मा, उसकी पत्नी, मां और सहयोगियों- गौड़ तथा जायसवाल को पूछताछ के लिए पेश होने के वास्ते सम्मन जारी किया गया।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)