CM Dr. Mohan Yadav in Republic Day 2025 | सीएम डॉ. मोहन यादव का भाषण

Republic Day 2025 : पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना.. ई-समन की व्यवस्था देश में सर्वप्रथम लागू, जानें सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में क्या क्या कहा..

CM Dr. Mohan Yadav in Republic Day 2025 : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंदौर में ध्वजारोहण कर कार्यक्रम को संबोधित किया।

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Modified Date: January 26, 2025 / 12:48 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 12:48 pm IST

भोपाल। CM Dr. Mohan Yadav in Republic Day 2025 : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंदौर में ध्वजारोहण कर कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने गणतंत्र दिवस के मंगल अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऍं देते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व में भारत की गरिमा और साख बढ़ रही है। राष्ट्र के जन-गण-मन में देश के लिए गर्व का भाव सशक्त हो रहा है। आज संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का दिन है। संविधान निर्माण में मध्यप्रदेश के महू नगर में जन्मे बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के नाते अविस्मरणीय भूमिका रही।

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डॉ. यादव ने कहा कि एक वर्ष में प्रदेश के चहुँमुखी विकास के साथ जनता के हित में जन-सहयोग से जो कार्य हुए हैं, उनसे मध्यप्रदेश विकसित राज्य के रूप में पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 दिसम्बर 2024 को छतरपुर जिले के खजुराहो में देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना, केन-बेतवा परियोजना का भूमि-पूजन किया है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिलों की 8 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।

साथ ही, प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल सुविधा भी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एवं राजस्थान की अन्तर्राज्यीय राष्ट्रीय परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना लाभान्वित होंगे। परियोजना से कुल 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। प्रदेश के भीतर भी नदी जोड़ो परियोजनाओं को क्रियान्वित किए जाने की दिशा में कार्य प्रारंभ किया गया है। शिप्रा-गंभीर-कान्ह डक्ट परियोजना इसका उदाहरण है।

GYAN मंत्र की सिद्धि की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार

डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। GYAN मंत्र की सिद्धि की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने चार मिशन- युवा शक्ति, गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ राष्ट्रीय युवा दिवस पर किया गया है। युवा-केंद्रित पहलों की प्रगति पर निगरानी रखने के लिए एक प्रभावी तंत्र की स्थापना भी की जाएगी। सरकार द्वारा पाँच वर्ष में युवाओं के लिए 2 लाख 50 हजार सरकारी नौकरियों में भर्ती का लक्ष्य नियत किया गया है।

युवा खिलाड़ियों के लिए प्रदेश के सभी 55 जिलों में खेल स्टेडियम का निर्माण होगा। वर्तमान में प्रदेश में 18 खेलों की 11 खेल अकादमियाँ आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रही हैं। विभिन्न कम्पनियों में कैम्पस प्लेसमेंट ड्राइव से वर्तमान वित्त वर्ष में 5 हजार से अधिक आईटीआई उत्तीर्ण युवाओं को चयनित किया गया है। इस वर्ष 22 नए आईटीआई प्रारंभ होंगे। राज्य स्तरीय रोज़गार दिवस के अवसर पर रिकॉर्ड 7 लाख युवाओं को 5 हजार करोड़ रुपये का स्व-रोज़गार ऋण वितरित हुआ। केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश की प्रथम डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने और सभी शासकीय तथा स्वशासी संस्थानों में प्रत्येक ब्रांच के लिए स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए जा रहे हैं। प्रत्येक संभाग में आईआईटी की तर्ज पर मध्यप्रदेश इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना का भी लक्ष्य है।

गरीब कल्याण मिशन का लक्ष्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गरीब कल्याण मिशन का लक्ष्य गरीब और वंचित वर्ग को सामाजिक सुरक्षा, रोज़गार और बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना है। गरीब कल्याण मिशन राज्य की जनता को आत्मनिर्भरता और समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में, प्रदेश के 36 लाख ग्रामीण और 8 लाख से अधिक शहरी परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा नि:शुल्क राशन वितरण योजना को वर्ष 2028 तक बढ़ा दिया गया है। भारत सरकार द्वारा जनजातीय ग्रामों में शत-प्रतिशत सेचुरेशन के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान में, मध्यप्रदेश के 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों की 93 लाख 23 हजार आबादी को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है। पेसा एक्ट से जनजातीय क्षेत्रों में विकास और जनजातियों के हित संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है। वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन को विशेष महत्व दिया गया है।

प्रत्येक पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना

डॉ. यादव ने कहा कि किसान कल्याण मिशन अंतर्गत किसानों की आय में वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह मिशन कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने का प्रमुख माध्यम बनेगा। ‘मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है। प्राकृतिक खेती कर रहे एवं प्राकृतिक खेती के इच्छुक राज्य के किसानों के पंजीयन के लिए पोर्टल प्रारंभ किया गया है। प्रत्येक पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना की जाएगी। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में किसानों को एक हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 3 हजार 900 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा रही है। शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। विगत वर्ष में किसानों को समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ पर प्रति क्विंटल 125 रुपये का बोनस प्रदाय किया गया। देश में पहली बार राज्य सरकार ने सोयाबीन का 4 हजार 892 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर उपार्जन करने का निर्णय लिया। मध्यप्रदेश को कृषि उत्पादन में निरंतर अग्रणी स्थान मिला है। सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड भी प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू है। अगले चार वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। किसानों को अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सिंचित क्षेत्र का रकबा अगले पाँच वर्ष में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। इजराइल के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में उद्यानिकी विकास के लिए 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। ग्वालियर में हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी परियोजना स्वीकृत की गई है।

प्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल बनाना है

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एमओयू हुआ है। वर्तमान में, प्रदेश के लगभग 6 हजार गाँवों में प्राथमिक दुग्ध समितियाँ हैं। प्रदेश के समस्त गाँवों के लिए दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन होता है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में दुग्ध संकलन केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जाएगी। दुग्ध संकलन 10 लाख 50 हजार किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जाएगा। अगले पाँच वर्ष में एक हजार 447 करोड़ रुपये के निवेश से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के अनेक कार्य होंगे। सरकार का प्रयास मध्यप्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल बनाना है। प्रदेश के सभी जिलों में गौ-शालाओं का सुचारु संचालन होगा। प्रदेश के बड़े नगरों में आधुनिक गौ-शालाओं का निर्माण किया जाएगा। ग्वालियर में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 हजार गायों की देखभाल में सक्षम आधुनिक और आत्मनिर्भर गौ-शाला का शुभारंभ कर चुके हैं। पशुपालकों और किसानों को 10 से ज्यादा गाय पालने पर सरकार द्वारा अनुदान देने का विचार है। पंजीकृत गौ-शालाओं को प्रति गौ-वंश मिलने वाली 20 रुपये की आहार राशि बढ़ाकर 40 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।

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नारी सशक्तिकरण मिशन से आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएँ

 

डॉ यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण मिशन का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उन्हें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। मध्यप्रदेश सरकार ने शासकीय सेवाओं में महिलाओं को अब 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। लाड़ली बहना योजना में सवा करोड़ से अधिक पात्र बहनों को योजना प्रारंभ से लेकर अब तक 30 हजार 765 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया है। प्रदेश में 89 लाख से अधिक महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। प्रदेश में एक लाख से अधिक दीदियाँ लखपति बनी हैं। सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना में 19 लाख से अधिक स्कूली बालिकाओं को 57 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है। महिला श्रम पर आधारित उद्योगों, विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री में प्रति महिला श्रमिक 5 हजार रुपये के मान से प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में, 25 लाख महिलाएँ स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। यह संख्या चार वर्ष में 50 लाख तक बढ़ाई जाएगी।

प्रदेश के 313 विकासखंडों में विकसित होंगे वृंदावन ग्राम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के 313 विकासखंडों में वृंदावन ग्राम योजना में एक-एक ग्राम वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित होगा। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के दूसरे चरण अंतर्गत लगभग 10 लाख परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा। वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोज़गार वर्ष घोषित किया गया है।

 

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से खुले निवेश के द्वार

डॉ. यादव ने कहा कि अब तक उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में सम्पन्न 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में निवेश के महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुंबई, बेंगलुरु, कोयम्बटूर, कोलकाता और पुणे में किए गए रोड शो में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश, भोपाल में खनन कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश और यू.के. तथा जर्मनी की यात्रा में 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन संयुक्त प्रयासों से अब तक कुल 4 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 4 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश के हर जिले में निवेश प्रोत्साहन केन्द्र शुरू किए गए हैं। नर्मदापुरम जिले के मुहासा, बाबई औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण की इकाइयों के लिए भूमि-पूजन हुआ है। कुल 22 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित की गई। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में नए आईटी पार्क, मुरैना में मेगा लेदर फुटवेयर एंड एसेसरीज क्लस्टर के साथ ही मैहर और मऊगंज में एमएसएमई औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की पहल हुई है। इंदौर, उज्जैन और रीवा में नए आई टी पार्क स्थापित होंगे।

पीएम मोदी की उपस्थिति में होगी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट

ड़ॉ यादव ने कहा कि भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी गई हैं। समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आशीर्वचन तथा मार्गदर्शन प्राप्त होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेश की एक दर्जन से अधिक नीतियों को निवेश को बढ़ावा देने के क्रम में अंतिम रूप दिया जा रहा है। आगामी पाँच वर्ष में प्रदेश का बजट दोगुना करने का लक्ष्य है। इस वर्ष एक बड़ी उपलब्धि यह भी रही कि हम जनता से कोई नया कर नहीं ले रहे हैं। वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूँजीगत व्यय का लक्ष्य 64 हजार 738 करोड़ रुपये है। प्रदेश में अब प्रति व्यक्ति आय सालाना एक लाख 42 हजार रुपये से अधिक हो गई है। आगामी वित्त वर्ष में जीरो बजट का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया है। ई-पंजीयन एवं ई-स्टाम्पिंग के माध्यम से संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए संपदा 2.0 शुरू किया गया है।

राजस्व महाअभियान से लंबित प्रकरणों का निराकरण

डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2024 में राजस्व महाअभियान के प्रथम चरण में लगभग 30 लाख और द्वितीय चरण में लगभग 50 लाख राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ। साइबर तहसील प्रारंभ की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मध्यप्रदेश में स्वामित्व योजना में 88 प्रतिशत कार्य पूरा होने की सराहना की है। मध्यप्रदेश में सर्वेक्षित लगभग 45 लाख निजी संपत्तियों में से 39 लाख से अधिक निजी संपत्तियों के मालिकों को अधिकार अभिलेख प्रदान किए जा चुके हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला अग्रणी प्रदेश

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला अग्रणी प्रदेश है। आधुनिक और बेहतर शिक्षा के लिए हमने हर जिले में पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत हुई। शिक्षा में गुणवत्ता के लिए भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, रीवा के 6 विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना की गई है। स्कूली बच्चों के लिए सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज़ स्कूल बन रहे हैं। वर्तमान में, 369 सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज़ विद्यालय संचालित हो रहे हैं। प्रदेश को 11 नए केन्द्रीय विद्यालयों की सौगात मिली है। तीन नये विश्वविद्यालय क्रमश: गुना में तात्या टोपे, खरगोन में क्रांतिसूर्य टंट्या भील और सागर में रानी अवंती बाई लोधी प्रारंभ हुए हैं।

नागरिकों को उपलब्ध हो रहीं स्वास्थ्य सेवाएँ

उन्होंने कहा कि नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए 17 शासकीय एवं 13 निजी मेडिकल कॉलेज का संचालन हो रहा है। इसके अलावा 8 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय निर्माणाधीन हैं। प्रदेश में पीपीपी मोड पर 12 चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने की पहल हुई है।मध्यप्रदेश, लगभग 12 लाख बुजुर्गों के घर जाकर उनके आयुष्मान कार्ड बनवाने के कार्य में देश में अग्रणी है। प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 46 हजार 491 नए पदों (नियमित/ संविदा/आउटसोर्स) के सृजन की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का शुभारंभ किया गया है। प्रत्येक जिला चिकित्सालय में आयुष विंग प्रारंभ कर नागरिकों को उपचार सुविधा देने की पहल हुई है। प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिनमें से 5 महाविद्यालय में निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रारंभ की गई हैं।

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अधोसंरचनात्मक विकास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में लोक परिवहन के क्षेत्र में इंदौर-भोपाल में कुल 14 हजार 440 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो ट्रेन का कार्य प्रगति पर है। इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना को स्वीकृति मिली है। इंदौर में 350 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है। भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को 4 लेन में अपग्रेड करने की स्वीकृति मिली है। सड़क परिवहन सुविधा के विस्तार के लिए पृथक कंपनी के माध्यम से शीघ्र लोक परिवहन बसों का संचालन किया जाएगा। प्रदेश का छठा एयरपोर्ट रीवा में प्रारंभ हुआ है। ग्वालियर में देश में सबसे कम समय में बनकर तैयार हुए, राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया। इंदौर-उज्जैन-देवास-धार को मिलाकर एक तथा भोपाल-सीहोर-रायसेन-विदिशा-ब्यावरा (राजगढ़) को मिलाकर दूसरा महानगरीय क्षेत्र बनाया जाएगा।

विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस की स्थिति में मध्यप्रदेश

 

डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस की स्थिति में है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापना क्षमता आज से 12 वर्ष पूर्व 438 मेगावॉट थी जो दिसम्बर 2024 तक 7 हजार 300 मेगावॉट हो गई है। यह लगभग 14 गुना वृद्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 दिसंबर 2024 को देश की सबसे बड़ी ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का खजुराहो से वर्चुअली लोकार्पण किया। ओंकारेश्वर में कुल 600 मेगावॉट विद्युत उत्पादन के लक्ष्य के प्रथम चरण में 278 मेगावॉट क्षमता का संयंत्र सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ कर चुका है। मिशन मोड में सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप की स्थापना का लक्ष्य है।

सिंहस्थ-2028 बनेगा वैश्विक आयोजन

राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर मध्यप्रदेश में 11 से 26 दिसम्बर 2024 तक जन-कल्याण पर्व मनाया गया। प्रदेश में श्रीराम वन गमन पथ निर्माण का निर्णय लिया गया। प्रदेश में श्रीकृष्ण लीलाओं से जुड़े विभिन्न तीर्थ-स्थलों सांदीपनि आश्रम, नारायणा गाँव (उज्जैन), जानापाव (इंदौर) एवं अमझेरा (धार) को जोड़कर श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण होगा। राज्य में श्रीकृष्ण पाथेय न्यास का गठन किया गया है। उज्जैन में विश्व की पहली ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ स्थापित कर भारतीय काल गणना परंपरा का साक्षात्कार पूरी दुनिया से करवाया गया। प्रत्येक नगरीय निकाय में गीता भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया है। लोकमाता अहिल्या देवी की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में महेश्वर में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित करने की पहल की गई। वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर सिंग्रामपुर में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। एसएएफ की 35वीं बटालियन का नामकरण वीरांगना के नाम पर करने का निर्णय लिया गया। वीरांगना अवन्ती बाई की स्मृति में सागर में नया विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। उज्जैन में अखाड़ों और आश्रमों के लिए स्थायी संरचना के उद्देश्य से भूमि आवंटन का निर्णय लिया गया है। सिंहस्थ-2028 को वैश्विक आयोजन बनाया जाएगा।

मध्यप्रदेश में ई-समन की व्यवस्था देश में सर्वप्रथम लागू

 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सिंगरौली, उज्जैन एवं खजुराहो के मध्य ‘पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा’ का संचालन शुरू हुआ है। भोपाल का रातापानी प्रदेश का आठवाँ टाइगर रिजर्व बना है माधव नेशनल पार्क को भी टाइगर रिजर्व घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान को मिलाकर देश के सबसे बड़े चीता कॉरिडोर के विकास की पहल हुई है। जिला, विकासखण्ड, तहसीलों और अनुविभागों के पुनर्गठन के उद्देश्य से प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराब बंदी का निर्णय लिया है। प्रदेश में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने की महत्वपूर्ण पहल हुई है। प्रदेश की डोंगला स्थित वेधशाला का आधुनिकीकरण किया गया है। नागरिकों को योजनाओं का लाभ देने के लिए एक ही पोर्टल से 40 से अधिक नागरिक सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसे नए अपराधों को रोकने के लिए जन-जागृति अभियान चलाया जा रहा है। साइबर डेस्क के माध्यम से साइबर अपराधों के विरुद्ध कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य को वर्ष 2026 तक नक्सल-मुक्त किए जाने की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। होमगार्ड के 4 हजार 657 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से प्रारंभ की जा रही है। तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश में ई-समन की व्यवस्था देश में सर्वप्रथम लागू हुई।

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गणतंत्र दिवस 2025 पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो रही है। उन्होंने मध्यप्रदेश के विकास कार्यों का उल्लेख किया, जैसे कि नदी जोड़ो परियोजनाओं और युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर।

केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश को क्या लाभ होगा?

केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश के 8 जिलों में 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 41 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति होगी। यह परियोजना राज्य में जलसंसाधन की स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मध्यप्रदेश में युवाओं के लिए कौन सी योजनाएं शुरू की गई हैं?

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं के लिए "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत 2.5 लाख सरकारी नौकरियों की भर्ती और खेल स्टेडियमों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, 22 नए आईटीआई भी शुरू किए जाएंगे।

मध्यप्रदेश में कृषि और जलसंसाधन के लिए क्या योजनाएं बनाई गई हैं?

मध्यप्रदेश में नदी जोड़ो परियोजनाओं के साथ-साथ शिप्रा-गंभीर-कान्ह डक्ट परियोजना जैसी जलसंसाधन योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिससे राज्य के कई जिलों में सिंचाई और जल आपूर्ति की स्थिति बेहतर होगी।

गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री ने किन प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया?

मुख्यमंत्री ने केन-बेतवा परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना, और शिप्रा-गंभीर-कान्ह डक्ट परियोजना का उल्लेख किया, जो मध्यप्रदेश में जल आपूर्ति और सिंचाई की सुविधाएं बेहतर बनाएंगे।
 
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