Diphtheria Disease in Morena

Diphtheria Disease : एमपी के इस गांव में फैली डिप्थीरिया बीमारी.. एक ही परिवार के 8 लोग बीमारी का शिकार, इलाके में दहशत का माहौल

Diphtheria Disease : एमपी के इस जिले में फैली डिप्थीरिया बीमारी.. एक ही परिवार के 8 लोग बीमारी का शिकार, इलाके में दहशत का माहौल

Edited By :   Modified Date:  September 30, 2024 / 09:12 AM IST, Published Date : September 30, 2024/9:12 am IST

मुरैना। Diphtheria Disease in Morena : बदलते मौसम के साथ बीमारिरों का खतरा भी बढ़ने लगता है। प्रदेश में इस समय डेंगू का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में डेंगू के मरीजों में इजाफा हो रहा है। तो इस बीच, मुरैना में भी एक बीमारी लगातार अपने पैर पसारती हुई नजर आ रही है। मुरैना के जौरा इलाके में गलाघोंटू (डिप्थीरिया) बीमारी फैल रही है। एक ही परिवार के 8 लोग इस बीमारी का शिकार हुए हैं। एक बच्ची को गंभीर हालत में ग्वालियर अस्पताल रेफर किया है। इस बीमारी की सूचना ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग को दी। बीमारी फैलने से पूरा गांव दहशत में है। ये पूरा मामला बागवान के पूरा गांव का है।

read more : Employees Salary Latest News : इन कर्मचारियों की सैलरी पर लटकी तलवार.. त्योहारी सीजन में करना पड़ सकता है परेशानी का सामना, नहीं आएगा इस महीने का वेतन 

क्या है डिप्थीरिया बीमारी?

डिप्थीरिया (Diphtheria) उग्र संक्रामक रोग है, जो 2 से लेकर 11 वर्ष तक की आयु के बालकों को अधिक होता है, यद्यपि सभी आयुवालों को यह रोग हो सकता है। इसका उद्भव काल (incubation period) दो से लेकर चार दिन तक का है। रोग प्राय: गले में होता है और टॉन्सिल भी आक्रांत होते हैं। स्वरयंत्र, नासिका, नेत्र तथा बाह्य जननेंद्रिय भी आक्रांत हो सकती हैं। यह वास्तव में स्थानिक रोग है, किंतु जीवाणु द्वारा उत्पन्न हुए जीवविष के शरीर में व्याप्त होने से रुधिर विषाक्तता (Toxemia) के लक्षण प्रकट हो जाते हैं।

डिप्थीरिया के लक्षण

डिप्थीरिया के लक्षण और संकेत आमतौर पर किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के 2 से 5 दिन बाद शुरू होते हैं। संकेत और लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:

  • गले और टॉन्सिल को ढकने वाली एक मोटी, ग्रे झिल्ली
  • गले में खराश और स्वर बैठना
  • गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियाँ (बढ़े हुए लिम्फ नोड्स)
  • साँस लेने में कठिनाई या तेज़ साँस लेना
  • नाक से स्राव
  • बुखार और ठंड लगना
  • थकान

डिप्थीरिया के कारण

डिप्थीरिया का कारण कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है। यह जीवाणु आमतौर पर गले या त्वचा की सतह पर या उसके आस-पास पनपता है। सी. डिप्थीरिया इनसे फैलता है:

  • हवा में मौजूद बूंदें। जब किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी से दूषित बूंदों की धुंध निकलती है, तो आस-पास के लोग सी. डिप्थीरिया को सांस के ज़रिए अंदर ले सकते हैं। डिप्थीरिया इस तरह से आसानी से फैलता है, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर।
  • दूषित व्यक्तिगत या घरेलू सामान। लोग कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति की चीजों को छूने से डिप्थीरिया से संक्रमित हो जाते हैं, जैसे कि इस्तेमाल किए गए टिश्यू या हाथ के तौलिये, जो बैक्टीरिया से दूषित हो सकते हैं।

    संक्रमित घाव को छूने से भी डिप्थीरिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्थानांतरित हो सकते हैं।

जो लोग डिप्थीरिया बैक्टीरिया से संक्रमित हो चुके हैं और जिनका उपचार नहीं हुआ है, वे उन लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं जिन्हें डिप्थीरिया का टीका नहीं लगा है – भले ही उनमें कोई लक्षण न दिखाई दें।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो