मुरैना। Diphtheria Disease in Morena : बदलते मौसम के साथ बीमारिरों का खतरा भी बढ़ने लगता है। प्रदेश में इस समय डेंगू का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में डेंगू के मरीजों में इजाफा हो रहा है। तो इस बीच, मुरैना में भी एक बीमारी लगातार अपने पैर पसारती हुई नजर आ रही है। मुरैना के जौरा इलाके में गलाघोंटू (डिप्थीरिया) बीमारी फैल रही है। एक ही परिवार के 8 लोग इस बीमारी का शिकार हुए हैं। एक बच्ची को गंभीर हालत में ग्वालियर अस्पताल रेफर किया है। इस बीमारी की सूचना ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग को दी। बीमारी फैलने से पूरा गांव दहशत में है। ये पूरा मामला बागवान के पूरा गांव का है।
डिप्थीरिया (Diphtheria) उग्र संक्रामक रोग है, जो 2 से लेकर 11 वर्ष तक की आयु के बालकों को अधिक होता है, यद्यपि सभी आयुवालों को यह रोग हो सकता है। इसका उद्भव काल (incubation period) दो से लेकर चार दिन तक का है। रोग प्राय: गले में होता है और टॉन्सिल भी आक्रांत होते हैं। स्वरयंत्र, नासिका, नेत्र तथा बाह्य जननेंद्रिय भी आक्रांत हो सकती हैं। यह वास्तव में स्थानिक रोग है, किंतु जीवाणु द्वारा उत्पन्न हुए जीवविष के शरीर में व्याप्त होने से रुधिर विषाक्तता (Toxemia) के लक्षण प्रकट हो जाते हैं।
डिप्थीरिया के लक्षण और संकेत आमतौर पर किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के 2 से 5 दिन बाद शुरू होते हैं। संकेत और लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:
डिप्थीरिया का कारण कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है। यह जीवाणु आमतौर पर गले या त्वचा की सतह पर या उसके आस-पास पनपता है। सी. डिप्थीरिया इनसे फैलता है:
संक्रमित घाव को छूने से भी डिप्थीरिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया स्थानांतरित हो सकते हैं।
जो लोग डिप्थीरिया बैक्टीरिया से संक्रमित हो चुके हैं और जिनका उपचार नहीं हुआ है, वे उन लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं जिन्हें डिप्थीरिया का टीका नहीं लगा है – भले ही उनमें कोई लक्षण न दिखाई दें।
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