दतिया। मनोकामना पूरी हो जाए तो व्यक्ति असाध्य भक्ति भी करने को तैयार हो जाता है। भगवान की भक्ति में लीन भक्त अपने इष्ट पर भरोसा करते हैं। जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वह शारीरिक कष्ट उठाकर भी अपने आराध्य देव को खुश करने का प्रयास करता है। ऐसा ही एक श्रद्धालु आज दतिया पहुंचा जिसे यदि हठयोगी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। ऐसे ही एक महाराष्ट्र के हठ साधक डीडर परुषे आज 5 महीने से अपनी हठ साधना प्रारंभ कर मध्यप्रदेश के दतिया पहुंचे। परुशे लुढ़कते हुए माता वैष्णो देवी के धाम जायेंगे।
महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु का बेटा जब 11 हजार केवी विद्युत लाइन से चिपक गया तो उसने वैष्णो देवी मैया से उसके प्राणों की रक्षा की गुहार लगाई और मैया को मन्नत बोली की यदि बेटे के प्राण बच जाते हैं तो वह अमरावती से लुढ़कते हुए मां वैष्णोदेवी के दर तक जायेंगे। अमरावती महाराष्ट्र के इस भक्त की पुकार मैया ने सुन ली और उसके बेटे की जान बच गई। बेटे की जान बचने के बाद पिता ने लुढ़कते हुए माई के दर्शन किए। अब वह एक बार फिर लुढ़कते हुए माई के दर्शन करने निकला है।
आज डीडर परूषे अपने साथियों के साथ दतिया पहुंचे, जहां तिराहे पर हनुमान जी के मंदिर पर वो विश्राम करने के बाद पुनः यात्रा प्रारंभ करेंगे। इनकी इस हठ साधना को देखकर देखने वाले लोग हतप्रभ हैं। मेरे बेटे को बड़ी लड़का करंट लग गया था इसलिए मैंने मां वैष्णो देवी से उसके प्राणों की रक्षा के लिए गुहार लगाई थी और मां को बोला था कि मैं रोकते हुए आपके दर्शन करूंगा मेरे बेटे की जान बच गई है अब बस मस्त है उसकी प्लास्टिक सर्जरी हुई है हम एक बार इसी तरह से मां के दर्शन कर चुके हैं अब हम दूसरी बार मां के दर्शन करने जा रहे हैं यह हमारी आखिरी यात्रा होगी। IBC24 से अरुण मिश्रा की रिपोर्ट
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