देवास, 29 दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में देवास जिले के एक पुलिस थाने में एक दलित व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार को मोहन यादव के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर राज्य में ‘‘जंगल राज’’ का आरोप लगाया।
पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने बताया कि मुकेश लोंगरे (35) की शनिवार को मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि मुकेश को 26 दिसंबर को एक महिला द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के संबंध में पूछताछ के लिए सतवास पुलिस थाने बुलाया गया था।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘जब इंस्पेक्टर आशीष राजपूत उसका बयान पढ़ रहे थे, तो लोंगरे ने मौका पाकर गमछे से अपनी गर्दन में फंदा लगाया, उसे लॉक-अप में खिड़की की ग्रिल से बांधा और अपनी गर्दन से खींचने लगा। पुलिस ने उसे रोका और अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है। उसे सिर्फ अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) नंदनी उइके इस घटना की जांच कर रही हैं। आज सुबह जेएमएफसी घटनास्थल पर गईं। जिला मजिस्ट्रेट ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया की निगरानी के लिए तीन डॉक्टरों को नियुक्त किया है।’’
गहलोत ने कहा कि इंस्पेक्टर आशीष राजपूत को निलंबित कर दिया गया है, जबकि भारतीय न्याय संहिता के साथ-साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित सभी अन्य प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसके परिजनों ने थाने के सभी कर्मियों को निलंबित किये जाने तक पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह एक तर्कहीन मांग है। हमने इंस्पेक्टर को पहले ही निलंबित कर दिया है, क्योंकि मौत तब हुई थी जब वह प्रभारी थे।’’
इस बीच, लोंगरे के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला की शिकायत के संबंध में उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने कहा कि बाद में पुलिस कर्मियों ने उन्हें बताया कि उसकी मौत हो गई है।
पुलिस थाने के बाहर रविवार को जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान लोंगरे के परिजनों ने पुलिस पर उसकी हत्या का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने रविवार को सतवास पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जीतू पटवारी भी शामिल हुए।
पटवारी ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में जंगल राज कायम है। थाने के अंदर एक दलित व्यक्ति की हत्या कर दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’’
पटवारी के सहयोगी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सतवास थाने के सभी कर्मियों को निलंबित करने की मांग की।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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