इंदौर (मध्यप्रदेश), 17 अक्टूबर (भाषा) इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर की करीब 150 साल पुरानी इमारत में एक सामाजिक संगठन द्वारा ‘‘हैलोवीन पार्टी’’ के कथित रूप से अनधिकृत आयोजन पर बृहस्पतिवार को विवाद बढ़ गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐतिहासिक इमारत में इस पार्टी के आयोजन पर भड़के चिकित्सक संगठनों ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए संयोगितागंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।
अधिकारी ने बताया कि इस मामले में चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षकों और पूर्व विद्यार्थियों के दो संगठनों ने पुलिस थाने में साझी शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने बताया कि शिकायत में मांग की गई है कि ब्रितानी राज में वर्ष 1878 में शुरू किए गए ‘‘किंग एडवर्ड मेडिकल स्कूल’’ की इमारत में 13 अक्टूबर को स्थानीय संगठन ‘जैन सोशल ग्रुप’ द्वारा हैलोवीन पार्टी के आयोजन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
शिकायत में कहा गया कि इस पार्टी के लिए ऐतिहासिक इमारत की दीवारों पर कथित रूप से भद्दे चित्र बनाए गए और आपत्तिजनक नारे भी लिखे गए।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) तुषार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम चिकित्सा महाविद्यालय के प्रबंधन से पूछेंगे कि ऐतिहासिक इमारत में हैलोवीन पार्टी का आयोजन किसकी अनुमति से हुआ था? हम जांच के बाद इस मामले में उचित कानूनी कदम उठाएंगे।’’
चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि उन्होंने कथित हैलोवीन पार्टी को लेकर ‘‘जैन सोशल ग्रुप’’ को नोटिस जारी करके तत्काल जवाब मांगा है।
दीक्षित ने दावा किया कि उन्होंने इस सामाजिक संगठन को ऐसी पार्टी की कोई अनुमति नहीं दी थी।
इस बीच, सोशल मीडिया पर इस हैलोवीन पार्टी की कथित तस्वीर सामने आई है जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय नेता अक्षय कांति बम उन लोगों के साथ दिखाई दे रहे हैं जिन्होंने भूतों का हुलिया बना रखा है।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि इस पार्टी में बम की मौजूदगी दिखाती है कि इसके आयोजकों को भाजपा का संरक्षण हासिल है और सत्तारूढ़ दल के दबाव में ही उन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है।
बम ने कांग्रेस के आरोप खारिज करते हुए कहा कि इस पार्टी के आयोजन से उनका कोई लेना देना नहीं है।
इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे।
नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी।
भाषा हर्ष खारी
खारी
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Maa Kali Pandal Fire Video: मां काली की 51 फिट…
2 hours agoGwalior News : दो समुदाय के बीच विवाद | डबरा…
3 hours agoMP News : ये तो गजब है भाई… भाजपाइयों ने…
4 hours ago