Continuous rhetoric regarding Khargone violence

‘बिरयानी मांगेंगे.. बुलडोजर मिलेगा’, क्या जानबूझकर खरगोन हिंसा की आग को ठंडा नहीं होने दिया जा रहा है?

क्या जानबूझकर खरगोन हिंसा की आग को ठंडा नहीं होने दिया जा रहा है? Continuous rhetoric regarding Khargone violence

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 PM IST
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Published Date: April 19, 2022 11:43 pm IST

(रिपोर्टः शिखिल ब्यौहार) भोपालः खरगोन हिंसा के बाद माहौल को शांत करने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाईयां कर दोषियों पर एक्शन ले रहा है। लेकिन बार-बार सियासी बयानों की आंच इस मुद्दे को फिर सुलगा देती है। जब सरकार की बुलडोजर की कार्रवाई पर चौतरफा सवाल उठाने की कोशिश की गई तो पलटवार में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने मोर्चा संभाला। शर्मा ने बुलडोजर पर सवाल उठाने वालों से कहा है कि पत्थर चलाने वालों को बिरयानी तो खिला नहीं सकते। साथ ही नसीहत दी कि देश के संविधान पर भरोसा रखें। बड़ा सवाल ये कि क्या जानबूझकर खरगोन हिंसा की आग को ठंडा नहीं होने दिया जा रहा है?

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खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां भले ही जिंदगी पटरी पर लौट चली हो लेकिन बयानों में आग अब भी सियासी तपिश बढा रही है। एकतरफा कार्रवाई के आरोप के साथ मुस्लिम धर्मगुरूओं के साथ-साथ कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सरकार के खिलाफ न्यायालय जाने की बात कही तो पलटवार में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने मोर्चा संभाला। शर्मा ने दो टूक कहा कि आप पत्थरों से समझाओं तो हम बुलडोजर से समझाएंगे। साथ ही कहा कि व्यवहार वैसा कहें जो दूसरों को अच्छा लगाता हो।

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वैसे खरगोन पर बयानों की आंधी पहले दिन से ही चल रही है। पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया एक पक्ष को निशाना बनाकर कार्रवाई की जा रही है। सरकार की ओर से जबाव आया कि सांप्रदायिक हिंसा में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिर कांग्रेस ने आरोप ने लगाया कि बुलडोजर की कार्रवाई निष्पक्ष नहीं हो रही है। जबाव में सरकार ने कहा कि वीडियो और सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस ने एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मुद्दों से भटकाने के लिए सांप्रदायिकता का सहारा ले रही है। कांग्रेस के इस आरोप का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि सांप्रदायिकता को रोकने के लिए हर स्तर पर कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। अब भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान पर कांग्रेस ने रिएक्शन में कहा कि बीजेपी नेता बयानबाजी के जरिए अपने नंबर बढ़ाने की होड़ में लगे हैं। लेकिन उन्हें संविधान की ली गई शपथ को नहीं भूलना चाहिए..।

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बड़ा सवाल ये है कि जब खरगोन हिंसा पर प्रशासन कार्रवाई के साथ-साथ माहौल को शांत और सामान्य करने की जद्दोजहद में जुटा है। तब आरोप-प्रत्यारोप की सियासत में बार-बार इस आग को ठंडा क्यों नहीं होने दिया जा रहा है। क्या वाकई 2023 के चुनावी माहौल के लिए जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है?

 

 
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