Congress 'Mission Bundelkhand' for Assembly Elections 2023

‘Mission Bundelkhand’ : कांग्रेस का ‘मिशन बुंदेलखंड’! 26 सीटों पर फतह हासिल करने उतरेंगे दिग्गज, सागर संभाग से होगी जनसभाओं की शुरुआत

कांग्रेस का 'मिशन बुंदेलखंड'! 26 सीटों पर फतह हासिल करने उतरेंगे दिग्गज:Congress 'Mission Bundelkhand' for Assembly Elections 2023

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Modified Date: April 9, 2023 / 11:17 AM IST
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Published Date: April 9, 2023 11:16 am IST

Congress ‘Mission Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023 : भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी जिलों में सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं प्रदेश का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अपनी कमजोर कड़ियां मजबूत करने में जुट गया है। चुनाव में प्रदेश के बुंदेलखंड को काफी अहम माना जाता है। वैसे तो बुंदेलखंड बीजेपी का गढ़ है। ऐसे में बुंदेलखंड की धरा पर कांग्रेस को अपना परचम लहराने के लिए काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। बुंदेलखंड के जिला सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निमाड़ी और पन्ना है। प्रदेश की 230 सीटों में से केवल 26 सीट तो बुंदेलखंड के पास ही है। जिनमें अधिकतम सीटों पर बीजेपी का राज है।

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Congress Mission ‘Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023  अगर एक नजर 2018 विस चुनाव पर डाले तो 2018 के चुनाव में यहां भाजपा को 14, कांग्रेस को दस और बसपा व सपा ने एक-एक सीट जीती थी। इसमें सागर जिले की रहली सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है। यहां से गोपाल भार्गव लगातार आठ बार से जीत रहे हैं। इसी तरह खुरई को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने काफी मजबूत कर लिया है। सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं। जो 2020 तक कांग्रेस में थे। वहीं दमोह जिले की हटा पर काफी अरसे से बीजेपी का ही कब्जा है। 1998 विधानसभा चुनाव से ही इस सीट पर बीजेपी का कब्जा बना हुआ है और वर्तमान विधायक पीएल तंतुवाय बीजेपी से है। वहीं दमोह जिले की विस सीट पर कांग्रेस के राहुल सिंह ने भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया को 2018 का विधानसभा चुनाव हराया था। सत्ता परिवर्तन के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा। इसमें कांग्रेस के अजय टंडन ने उन्हें पराजित किया।

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बुंदेलखंड में ठीक नहीं कांग्रेस की हालत

Congress Mission ‘Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023 मौजूदा स्थिति की बात करें तो बुंदेलखंड की 4 लोकसभा सीटों में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है। चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। ऐसी ही कुछ सीटें विधानसभा स्तर पर हैं। विधानसभा सागर जिले में 8 सीटों में से सिर्फ 2 सीटें कांग्रेस के पास हैं। वहीं दमोह में 4 विधानसभा सीटों में से 1 सीट कांग्रेस के पास है। छतरपुर जिले के हाल अन्य जिलों से कुछ ठीक हैं। जहां की 6 विधानसभा सीट में से 3 सीटें कांग्रेस के पास है। इसके अलावा टीकमगढ़-निवाड़ी की हालात तो बहुत ही बदतर है। जहां एक भी सीट कांग्रेस के पास नहीं है। वहीं पन्ना की बात करें, तो पन्ना की 3 सीटों में से सिर्फ एक सीट कांग्रेस के पास है।

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दिग्विजय सिंह को मिली बुंदेलखंड की चुनावी जिम्मेदारी

Congress Mission ‘Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023 : 8 महीने से भी कम समय अब मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर बचा है। जिसके पहले कांग्रेस का फोकस 2018 में अपेक्षाकृत कम सफलता वाले बुंदेलखंड पर ही नजर आ रहा है। 26 विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड की प्रमुख समस्याओं को समझने और जनता के बीच पहुंचने की जिम्मेदारी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को सौंपी गई है। दिग्विजय सिंह सागर जिले में डेरा डालकर पार्टी की संभावनाओं को तलाशेंगे। वहीं कमलनाथ के साथ एक बड़े कार्यक्रम का मंच साझा करते हुए भी बुंदेलखंड में नजर आएँगे।

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इन विधायकों ने छीना कांग्रेस का सुख

Congress Mission ‘Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023 : 2018 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड में कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार हुआ था। सागर जिले की 8 विधानसभा सीट में से 3 सीटें कांग्रेस के पास थी, लेकिन सिंधिया खेमे की बगावत के बाद सुरखी सीट पर उपचुनाव हुआ और गोविंद सिंह राजपूत भाजपा के टिकट से चुनाव जीते और सीट भाजपा के खाते में चली गई। ऐसा ही छतरपुर में देखने को मिला, जहां 2018 में कांग्रेस ने 6 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी की बगावत के बाद बड़ा मलहरा में उपचुनाव हुए और ये सीट भाजपा के खाते में चली गई। हालांकि दमोह विधानसभा से भी कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने बगावत की थी, लेकिन वह कांग्रेस की सीट नहीं छीन पाए। ऐसी ही स्थिति निवाड़ी की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर बनी। जहां बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के बाद उपचुनाव में उनके सुपुत्र नितेन्द्र सिंह राठौर चुनाव हार गए और सीट गवां बैठे थे।

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क्या इस बार बीजेपी को पटखनी देंगे कमल ‘नाथ’

Congress Mission ‘Bundelkhand’ for Assembly Elections 2023 : प्रदेश के चुनावी रण में अपनी जीत पक्की करने के लिए कांग्रेस ने बुंदेलखंड में रणनीति के तहत काम करना शुरु कर दिया है। और यहां की सीटों के समीकरण को बदलने की कवायद की जा रही है। लेकिन, कांग्रेस की रणनीति पर जनता की मुहर लगाती है या नहीं। ये फैसला तो विधानसभा चुनाव में ही सामने आ पाएगा। कांग्रेस के प्रवक्ता अवनीश बुंदेला का कहना है कि मप्र में इतने सालों से बीजेपी की सरकार है। लेकिन, बुंदेलखंड की समस्याओं को अब तक निराकृत नहीं कर पाई है। अब हमने तय किया है कि, क्षेत्र की समस्याओं को समझने जनता के बीच जाएंगे। हमारे नेता कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी बुंदेलखंड का दौरा करेंगे। उसके बाद नई रणनीति के साथ कमलनाथ मैदान में उतरेंगे।

 

 

 

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