भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ मुलाकात की। दोनों के बीच सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण पर आए फैसले को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से भी मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में बिना OBC आरक्षण के ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिन के भीतर इसके लिए अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए है। कोर्ट ने साफ किया है कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सीटों के नए सिरे से परिसीमन को आधार बना कर चुनाव को नहीं टाला जा सकता। राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव कराने के लिए तैयार है। लेकिन सरकार इस पर आगे-पीछे होते दिख रही है। CM शिवराज सिंह चौहान रिव्यू पिटीशन की बात कर रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सूबे में सियासत तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज भरे अंदाज में कहा है कि अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत…? उन्होंने कहा कि जब आपके पास सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त समय था, तब तो आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया, आधी-अधूरी रिपोर्ट और आंकड़े पेश किए, जिसके कारण ओबीसी वर्ग का हक मारा गया और प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव का निर्णय सामने आया।
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