Sevarkhedi-Silarkhedi Project

Sevarkhedi-Silarkhedi Project : क्षिप्रा नदी होगी निर्मल और निरंतर प्रवाहमान, सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि-पूजन

Sevarkhedi-Silarkhedi Project : क्षिप्रा नदी होगी निर्मल और निरंतर प्रवाहमान, सीएम करेंगे सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि-पूजन |

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Modified Date: January 13, 2025 / 01:24 PM IST
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Published Date: January 13, 2025 1:24 pm IST

भोपाल। Sevarkhedi-Silarkhedi Project : मोक्ष दायिनी क्षिप्रा नदी अब निर्मल और निरंतर प्रवहमान होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज 614 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमि-पूजन कार्तिक मेला ग्राउंड उज्जैन पर करेंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी उपस्थित रहेंगे।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव के कुशल नेतृत्व में आगामी सिंहस्थ महापर्व के आयोजन तक संतजन और श्रद्धालु क्षिप्रा नदी में शुद्ध और निर्मल जल से स्नान कर सकेंगे। इसके साथ ही यह सौगात पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के संकल्प को भी और मजबूती दी है जिसमें नदियों को जोड़कर निरन्तर प्रवाहमान बनाये रखना है। आज क्षिप्रा नदी को सदैव प्रवाहमान देखने का सपना मूर्तरुप लेने जा रहा है। इस योजना से क्षेत्र में सिंचाई का रकबा भी बढ़ेगा।

सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना

परियोजना से क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाए रखने के साथ ही उज्जैन को पेयजल के लिये पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा। पेयजल के उपयोग के लिये 27 एमसीएम तथा क्षिप्रा को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए 51 एमसीएम जल उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत ग्राम सेवरखेड़ी में बैराज निर्माण किया जाएगा, जिसमें वर्षाकाल में जल भराव होगा फिर उसे उद्वहन कर सिलारखेड़ी तालाब में संग्रहित किया जाएगा। 6.50 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन से जल का उद्वहन सेवरखेड़ी से सिलारखेड़ी तक किया जाएगा। यह परियोजना मई 2027 तक पूरी की जानी है।

इसी के साथ कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना से कान्ह नदी के दूषित जल को क्षिप्रा में मिलने से रोका जाएगा। इसके लिये ग्राम जमालपुरा में कान्ह नदी पर एक बैराज का निर्माण किया जाएगा, इससे नदी के दूषित जल को क्लोज डक्ट के माध्यम से व्यपवर्तित किया जाएगा। परियोजना की कुल लम्बाई 30.15 कि.मी है, जिसमें 18.15 कि.मी. लम्बाई में कट एण्ड कव्हर द्वारा क्लोज डक्ट का निर्माण किया जाएगा। साथ ही 12 कि.मी. लम्बाई में टनल का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे दूषित जल डायवर्ट होगा। टनल में 4 शाफ्ट भी बनाई जाएंगी, इससे टनल में पहुँचना सुगम हो जाएगा और साफ-सफाई के लिए पहुँच मार्ग भी उपलब्ध होगा। इस परियोजना को आगामी 25 वर्ष बाद की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसे सितम्बर-2027 तक पूर्ण किया जाना है।

 

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1. सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना क्या है?

सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का उद्देश्य क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाए रखना है। इसके तहत क्षिप्रा नदी में पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए बैराज निर्माण, पाइपलाइन से जल का उद्वहन और सिलारखेड़ी तालाब में जल संचयन किया जाएगा। इस परियोजना से उज्जैन को पेयजल के लिए भी पर्याप्त जल मिलेगा।

2. इस परियोजना की लागत कितनी है और इसे कब तक पूरा किया जाएगा?

इस परियोजना की लागत 614 करोड़ 53 लाख रुपये है और इसे मई 2027 तक पूरा किया जाएगा।

3. परियोजना के तहत कितने जल की आपूर्ति की जाएगी?

परियोजना के तहत 51 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) जल क्षिप्रा नदी में प्रवाहमान रखने के लिए और 27 एमसीएम जल पेयजल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

4. क्षिप्रा नदी में दूषित जल के प्रवाह को कैसे रोका जाएगा?

कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना के तहत कान्ह नदी के दूषित जल को क्षिप्रा में जाने से रोकने के लिए ग्राम जमालपुरा में बैराज का निर्माण किया जाएगा और दूषित जल को क्लोज डक्ट के माध्यम से डायवर्ट किया जाएगा।

5. कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना की क्या विशेषताएँ हैं?

इस परियोजना की कुल लंबाई 30.15 किलोमीटर है, जिसमें 18.15 किलोमीटर लंबाई में कट एंड कवर द्वारा क्लोज डक्ट का निर्माण और 12 किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना 25 वर्षों के बाद की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है।
 
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