Chunavi Choupal in Vijayraghavgarh

Chunavi Choupal in Vijayraghavgarh: किलों के शहर विजयराघवगढ़ में क्या ढह जाएगा भाजपा का किला? क्यों इतिहास बनकर रह गया इस इलाके का विकास? चुनावी चौपाल से सुनिये जनता की नाराजगी

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Modified Date: February 27, 2023 / 07:39 PM IST
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Published Date: February 27, 2023 7:34 pm IST

Chunavi Choupal in Vijayraghavgarh: आज हमारे चुनावी चौपाल का ठौर है मध्य प्रदेश के कटनी जिले में आने वाली विजयराघवगढ़ में। विजयराघवगढ़ रियासत के राजा प्रयागदास के पुत्र ठाकुर सरजूप्रसाद ने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों से लोहा लिया था। पिता-पुत्र अभेद्य विजयराघवगढ़ किले में रहा करते थे। सैकड़ों वर्षों बाद भी इस किले की कुछ विशेषताएँ बरकरार हैं। यह किला सुरक्षात्मक बनावट, नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। पर आज हम बात कर रहे हैं भाजपा के उस किले की जिसे जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा हैं। इस ऐतिहासिक शहर में विकास के सवाल पर जनता पिछड़ेपन की बात कहती हैं। विधायक पर आरोप हैं कि अपना साम्राज्य संवारने में मशगूल नेता जी विजयराघवगढ़ के पुरातन साम्राज्य और इसके महत्व को भूल चुके हैं। सरकार आती हैं, जाती हैं लेकिन विजयराघवगढ़ आज भी विकास की बाँट जोह रहा हैं।

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Chunavi Choupal in Vijayraghavgarh: विजयराघवगढ़ किलो का शहर हैं। पर्यटन की अपार संभावनाएं समेटे इस शहर ने सिर्फ सरकारों और नेताओ के वादों को सुना हैं लेकिन वह वादें कभी भी हकीकत बनकर जमीन पर नहीं उतर पाएँ। नतीजा यह हुआ की कभी सैलानियों की भीड़ से गुलजार रहने वाला विजयराघवगढ़ आज सूनेपन का शिकार हो गया हैं। जीर्णशीर्ण किलो को निहारने में ना पर्यटकों की दिलचस्पी हैं और ना ही उन्हें संवारने में नेताओ की।

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Chunavi Choupal in Vijayraghavgarh: इसके अलावा क्षेत्र में बेरोजगारी भी चरम पर हैं। स्थानीय स्तर पर युवा रोजगार की मांग करते रहे हैं लेकिन यह मांग नहीं सिर्फ मांग बनकर रह गई। विजयराघवगढ़ आज साफ़-सफाई और बुनियादी जरूरतों की कमी भी झेल रहा हैं। इस तरह की अनेक समस्यायों से आज घिरा हुआ हैं विजयराघवगढ़। संजय पाठक यहाँ से मौजूदा विधायक हैं। वे इस सीट से लगातार 2008 से विधायक हैं पर सवाल यही हैं कि क्या विधायक अपने इस जीत के सिलसिले को बरकरार रख पाएंगे? या फिर उन्हें विकास के लिए उपेक्षित विजयराघवगढ़ की जनता के नाराजगी का शिकार होना पड़ेगा? बहरहाल यह तो आने वाले विधानसभा के चुनावों के परिणामो से तय हो जाएगा लेकिन पिछले दशक के चुनावों में किन नेताओ ने ताल ठोंका और उनके क्या परिणाम रहे इसपर एक नजर।

2018 विधानसभा चुनाव के परिणाम

संजय पाठक भाजपा 79,939 48%
पद्मा शुक्ला कांग्रेस 66,201 40%

2013 विधानसभा चुनाव के परिणाम

संजय पाठक कांग्रेस 60,719 41%
पद्म शुक्ला भाजपा 59,790 41%

2008 विधानसभा चुनाव के परिणाम

संजय पाठक कांग्रेस 53,124 44%
ध्रुव प्रताप सिंह भाजपा 30,323 25%

1998 विधानसभा चुनाव के परिणाम

सोहनलाल भाजपा 22,467 36%
महंती भगत कांग्रेस 18,650 30%

1993 विधानसभा चुनाव के परिणाम

अमीन साईं भाजपा 17,312 36%
बहादुर राम कांग्रेस 14,566 31%

1990 विधानसभा चुनाव के परिणाम

अमीन साईं भाजपा 29,133 59%
महेश्वर कांग्रेस 17,608 36%

1985 विधानसभा चुनाव के परिणाम

महेश्वर राम कांग्रेस 20,051 54%
लारंग साईं भाजपा 11,768 32%

1980 विधानसभा चुनाव के परिणाम

लारंग साईं भाजपा 15,656 53%
राम प्रसाद कांग्रेस 13,618 47%

1977 विधानसभा चुनाव के परिणाम

अमीन जेएनपी 12,127 54%
राम प्रसाद आईएनडी 3,824 17%

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