Story of organizing Gotmar fair: पांदुर्णा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा क्षेत्र की सदियों पुरानी पत्थर बरसाने की वाली सदियों पुरानी परंपरा गोटमार आज के आधुनिक दौर में भी जारी है। दो सालों से कोविड महामारी के बीच भी ये खेल बदस्तूर जारी रहा और एक बार फिर शनिवार के दिन मौत का ये खूनी खेल प्रशासन, पुलिस की आंखों के सामने खेला गया। हर साल जिद और जुनून साथ हजारों लोग इस खेल में शामिल होते हैं, अब तक इस मौत के खेल में कई लोगों की जान भी जा चुकी है और हजारों की संख्या में लोग घायल हो चुके हैं लेकिन परंपरा इस खेल को खत्म नहीं करने दे रही।
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Story of organizing Gotmar fair: छिंदवाड़ा में परंपरा के नाम पर फिर खूनी खेल खेला गया। गोटमार मेले में हुई पत्थरबाजी में इस बार करीब 250 लोग घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर होने पर नागपुर रेफर किया गया है। परंपरा के नाम पर हुई इस पत्थरबाजी के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौजूद थी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वो पत्थर फेंकते लोगों के सामने बेबस नजर आए।
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Story of organizing Gotmar fair: बता दें, पांदुर्णा का एक युवक साबर गांव की लड़की से प्रेम करता था। वह लड़की को भगाकर पांदुर्णा लेकर आने लगा। लेकिन रास्ते में जाम नदी में बाढ़ थी, इस कारण दोनों नदी पार नहीं कर पाए। इसी दौरान लड़की पक्ष के लोगों को खबर लगी तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। जिसके विरोध में पांदुर्णा के पक्ष ने भी पथराव कर दिया।
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Story of organizing Gotmar fair: पांदुर्णा और साबर गांव के बीच पत्थरों की बौछारों से दोनों प्रेमियों की मौत जाम नदी के बीच ही हो गई। उनकी मौत के बाद लोगों को शर्मिंदगी हुई। दोनों के शवों को उठाकर किले पर मां चंडिका के दरबार में रखा गया। पूजा-अर्चना करने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसी घटना की याद में मां चंडिका की पूजा कर गोटमार मेले का आयोजन किया जाता है।
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Story of organizing Gotmar fair: इसके पहले मानव अधिकार आयोग और स्थानीय प्रशासन ने भी खेल को रोकने का प्रयास किया। साल 2001 में कलेक्टर ने पत्थर हटवाकर प्लास्टिक की गेंद भी डलवाई लेकिन इसके बाद भी खेल हुआ और हर बार रोकने के प्रयास में खेल के साथ जमकर उत्पात हुआ। इस बार फिर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा पांदुर्णा में गोटमार मेले के दौरान लोक शांति और मानव जीवन की सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से धारा 144 के अंतर्गत जिले के पांदुर्णा नगर में 26 अगस्त की सुबह 8 बजे से 28 अगस्त को सुबह 8 बजे तक के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था।
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