The principal was seen resting by making children's bags a pillow

Chhatarpur News: बच्चों के बस्ते को तकिया बनाकर आराम फरमाते दिखे प्रिंसिपल साहब, वीडियो वायरल

The principal was seen resting by making children's bags a pillow बच्चों के बस्ते को तकिया बनाकर आराम फरमाते दिखे प्रिंसिपल साहब

Edited By :   Modified Date:  July 14, 2023 / 07:49 PM IST, Published Date : July 14, 2023/7:47 pm IST

छतरपुर। जिले के लवकुशनगर क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालय बिजोरा के दो वीडियो वायरल हुए है, एक वीडियो में प्रधान अध्यापक बच्चों के बस्तों का तकिया बना कर सोते नजर आ रहे हैं और वही स्कूल की मासूम छोटी छात्राएं स्कूल परिसर में झाड़ू लगाती दिखाई दे रही है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अ​धिकारी भले ही ​शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रयास कर रहे हों, लेकिन कुछ लापरवाह ​शिक्षकों की लचर कार्यशैली के चलते अ​धिकारियों की मंशा पूरी होते नहीं दिख रही है।

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ताजा मामला लवकुशनगर क्षेत्र की एक प्राथमिक शाला से सामने आया है, जहां के प्रधानाध्यापक बच्चों के स्कूल बैग की तकिया बनाकर सोते दिखे। इसी दौरान किसी व्य​क्ति ने उनका वीडियो बना लिया जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बहरहाल, जिला ​शिक्षा अ​धिकारी ने उक्त वीडियो को संज्ञान में लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। दूसरे वीडियो में कक्षा की छात्रा है बाहर परिसर के कचरे को साफ करती हुई झाड़ू लगाती नजर आ रही है। इन दोनों वीडियो में कहानी साफ है कि प्रधानाध्यापक राजेश अर्जरिया ने बच्चों को बाहर झाड़ू लगाने का आदेश दिया और खुद उनके बस्तों पर तकिया बनाकर कक्षा में लोने चले गए।

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वीडियो में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश कुमार अरजरिया एक बच्चे के स्कूल बैग को तकिया बनाकर फट्टी पर आराम फरमा रहे हैं और कक्षा के बच्चे लापता हैं। वहीं, विद्यालय की अन्य कक्षाओं के बच्चे भी शाला के बाहर शोर-गुल मचाते हुए खेलने में व्यस्त हैं। ग्रामीणों द्वारा बनाया गया यह वीडियो गुरूवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों में चर्चा का विषय बन गया। ग्रामीणों ने कहा कि कलेक्टर संदीप जी आर सहित ​शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अ​धिकारी लगातार ग्रामीण अंचलों की शालाओं का औचक निरीक्षण कर ​शिक्षण कार्य को ठीक ढंग से करने के निर्देश दे रहे हैं, लेकिन उनके गांव की शाला की ​शिक्षकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।

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प्रधानाध्यापक विद्यालय सिर्फ खानापूर्ति के लिए आते हैं। विद्यालय आने के बाद ज्यादातर ​शिक्षक या तो इसी तरह से आराम फरमाते हैं या​ फिर अपने मोबाइलों में व्यस्त रहते हैं। गांव की शाला में पढ़ने वाले बच्चों की ​शिक्षा का स्तर निम्न है, उन्हीं मामूली से सवालों के जवाब भी नहीं आते हैं। हालांकि इन दिनों डीपीसी सहित लवकुशनगर बीआरसी द्वारा लगातार शालाओं का औचक निरीक्षण कर लापरवाही करने वाले ​शिक्षकों पर कार्यवाही करते हुए ठीक ढंग से ​शिक्षण कार्य करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। IBC24 से अभिषेक सिंह सेंगर की रिपोर्ट

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