छतरपुर: khule aam Ho raha Ret Khanan रेत खदानों के लिए मशहूर छतरपुर जिले के गोयरा, रामपुर और गौरिहार में इन दिनों धड़ल्ले से रेत खनन का काम चल रहा है। लेकिन ज्यादा से ज्यादा रेत निकालकर फायदा कमाने के चक्कर में ठेकेदार नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हैरानी की बता तो ये है कि खुलेआम नियमों का उल्लंघन किए जाने के बावजूद प्रशासन का कोई अधिकारी यहां सुध लेने तक नहीं पहुंचा। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि प्रशासन की उदासिनता के चलते ही रेत ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। रेत ठेकेदारों के बुलंद हौसले का दंश झेल रही जनता का दर्द उस वक्त फूटकर बाहर आ गया, जब IBC24 की टीम मौके पर पहुंची। आइए जानते हैं ग्रामीणों ने क्या कहा।
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khule aam Ho raha Ret Khanan IBC24 की टीम ने जो वहां से गुजरने वाले कुछ परिवारवालों और राहगीरों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर अपने डर बयान किया। उन्होंने बताया कि आम जनता के लिए बनाई गई सड़क के ज्यादातर हिस्से पर ट्रक खड़े रहते हैं और जो थोड़ी बहुत जगह निकलने के लिए बचती है उनमें भी जब परिवार के साथ गुजर हो तो डर लगता है। बता दें कि छतरपुर जिले में रेत उत्खनन काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है जिसमें छतरपुर के चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गोयरा, रामपुर और गौरिहार क्षेत्र प्रमुख हैं। यहां दर्जनों रेत खदानें हैं लेकिन इन रेत खदानों से आसपास की जनता बहुत ज्यादा परेशान हैं क्योंकि आपस में कस्बों को जोड़ने वाली सड़कों पर रेत के ट्रकों का बोलबाला है। कई किलोमीटर तक लंबी लाइन है और सड़कों का हाल इतना बुरा है कि मात्र 20 किलोमीटर की दूरी तय करने में आम लोगों को कई घंटों का समय लगता है। और तो और कोई बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना हो तो एंबुलेंस को भी इंतजार करना पड़ता है।
गौरतलब है कि छतरपुर में पिछले 1 साल से अवैध रेत उत्खनन के लिए पुष्पा इंटरप्राइजेज कंपनी का ठेका है। लेकिन वैध रेत उत्खनन अब धीरे-धीरे अवैध रेत उत्खनन की तरफ आगे बढ़ रहा है क्योंकि रेत खोदने के लिए उपयोग आने वाली पोकलैंड मशीन है। अब नदी के भीतर जाकर रेत का उत्खनन कर रही है जो नियम विरुद्ध है। हैरानी की बात ये है कि प्रशासन की नाक के नीचे यह काम एक दो जगह नहीं बल्कि छतरपुर के गोयरा और गौरिहार थाना क्षेत्रों से निकलने वाली के नदी के लगभग हर घाट पर चल रहा है। आलम यह है कि केन नदी पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले रामपुर के पुल पर अगर आप खड़े हो जाएं और सिर्फ दाएं और बाएं नजर भर डालें तो आपको कई पोकलैंड मशीनें और लिफ्टर नदी के बीच रेत का उत्खनन करते नज़र आयेंगे। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी खबर नहीं है यह सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। जनता की मदद करने की बजाय उल्टा प्रशासन केवल ट्रकों को सुरक्षित सीमा पार कराने में लगा रहता है।
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