रिपोर्ट: नवीन कुमार सिंह, भोपाल: upcoming assembly elections प्रदेश में इन दिनों चुनावी अभियानों का रेला सा चल पड़ा है। नाम अलग-अलग लेकिन टारगेट सबका एक। जाहिर है इन अभियानों के जरिए बीजेपी-कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी मुहिम और तैयारियों को धार देने में जुटी है। बूथ विस्तारक अभियान के बाद बीजेपी ने 11 फरवरी से समर्पण निधि अभियान की शुरुआत करने जा रही है, तो कांग्रेस भी घर-घर चलो अभियान को एक्सटेंड कर दिया है। मतलब साफ है दोनों ही दल अच्छे से जानते हैं कि अगर 2023 में सत्ता की रेस जीतनी है तो अभी से मेहनत करनी पड़ेगी। अब सवाल ये है कि ‘अभियानों की रेस में अव्वल कौन है?
upcoming assembly elections 11 फरवरी को बीजेपी के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है। इस दिन बीजेपी अब तक के सबसे बड़े टारगेट के साथ समर्पण निधि अभियान की शुरुआत करने जा रही है। हालांकि बीजेपी पिछले तीन सालों से समर्पण निधि के टारगेट को पूरा नहीं कर पा रही है। लेकिन इस बार बीजेपी ने समर्पण निधि के लिए पूरा जोर लगा दिया है। बीजेपी ने इस बार डेढ़ सौ करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी अगले डेढ़ महीने जमीन आसमान एक करने की तैयारी में है।
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इसके लिए बीजेपी ने सभी जिलों में प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं। सभी विधायक-सांसद और मंत्रियों को भी समर्पण निधि अभियान में पार्टी ने लगा दिया है। पार्टी ने चंदा जुटाने में पारदर्शिता के लिहाज से 100 से 1000 रुपये तक के कूपन तैयार किए हैं। फिलहाल पार्टी हर जिले के लिए भी समर्पण राशि का लक्ष्य तय करने में जुटी है। बीजेपी का समर्पण निधि अभियान अब कांग्रेस के निशाने पर आ गया है। कांग्रेस नेता ये दावा कर रहे हैं की बीजेपी अपने अभियान के जरिए काले धन को सफेद करेगी।
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जाहिर तौर पर 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। समर्पण निधि अभियान के पहले बीजेपी ने हाल में ही बूथ विस्तारक अभियान की शुरुआत की थी। सभी मंत्रियों को बूथ पर 100 घंटे बिताने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक भी मंत्री 100 घंटे के टारगेट को पूरा नहीं कर सका है। पार्टी आलाकमान ने भी इसको लेकर नाराज़गी जाहिर की है। अब एक बार फिर डेढ़ महीने तक चलने वाले बीजेपी के समर्पण निधि अभियान की तैयारियां जोरों पर है। दूसरी ओर कांग्रेस भी घर चलो घर घर चलो अभियान के जरिए बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी को भुनाने की शुरुआत की है। शुरुआती रुझान मिलते ही कांग्रेस ने 28 फरवरी तक चलने वाले अभियान को 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। दरअसल कांग्रेस को उम्मीद है कि बीजेपी के दावों को एक्सपोज़ करने के लिए घर घर दस्तक और जनजागरण अभियान कांग्रेस को सबसे ज्यादा माइलेज देगा।
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प्रदेश में डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए डेढ़ से दो महीने तक चलने वाले लंबे अभियानों में बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जमीन आसमान एक कर दिया है। दोनों ही दलों को लगता है की संगठन की कसावट पर साल 2022 में की हुई मेहनत 2023 में ज़रुर रंग लाएगी।
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9 hours ago