जबलपुर: Bittu parrot’s owner to give rs 15000 आपने गुंडे-बदमाशों पर ईनाम का ऐलान किए जाने की बात सुनी या देखी होगी। लेकिन जबलपुर में एक तोते को पकड़वाने पर ईनाम रखा गया है, वो भी मामूली नहीं पूरे 15 हजार रुपयों का ईनाम। हालांकि तोते का ज़ुर्म सिर्फ इतना है कि वो अपने मालिक का पिंजड़ा खोलकर आज़ाद हो गया है। अब मालिक को अपने पालतू तोते की जुदाई बर्दाश्त नहीं हो रही जिसने तोते पर 15 हजार रुपयों का ईनाम रख दिया है।
Bittu parrot’s owner to give rs 15000 दरअसल रांझी- मानेगांव में रहने वाले अमन चौहान के दिल का अमन-चैन इन दिनों नदारद है। वजह है उनका पालतू तोता, जिसकी जुदाई इन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही। अमन ने 3 माह के तोते को बड़ी शिद्दत से पाला था, जिसका नाम बिट्टू रखा था। बिट्टू बोलने वाला तोता था, जो दिन भर अमन का मनोरंजन करता। बोलने वाला तोता सिर्फ जु़बानी होशियार नहीं था, जल्द ही बिट्टू तोते ने अपना पिंजरा खोलने का हुनर भी सीख लिया था। एक दो बार बिट्टू को खुला घूमता देख अमन ने उसे फिर पिंजरे की राह दिखा दी। लेकिन 2 नवंबर को बिट्टू कामयाब हो गया। बिट्टू तोते ने अपनी चोंच से अपना पिंजरा खोला और आज़ाद हो गया। अमन ने बिट्टू को खूब तलाशा लेकिन ना कहीं बिट्टू मिला, ना उसकी कोई खबर मिली। ऐसे में अमन ने अपने लख्ते जिगत तोते, बिट्टू पर 15 हजार रुपयों का ईनाम रख दिया।
अमन ने तो अपने तोते बिट्टू को ढूंढकर लाने वाले को 15 हजार रुपए नगद देने के इश्तिहार छपवा दिए लेकिन पहले ही दुखी अमन पर नई मुसीबत आन पड़ी। ईनाम की खबर पाते ही लोगों ने साधारण तोते थमाकर अमन से ईनाम की राशि हड़पने की चालबाजी शुरु कर दी, फोन खूब घनघनाए। लोग तोते भी लाए लेकिन अमन को अपने बोलने वाले बिट्टू की पहचान थी, जिसने लोगों मय उनके तोते बैरंग रवाना कर दिया।
बोलने वाला होशियार तोता बिट्टू क्या वाकई खुद ही आज़ाद हो गया या किसी ने उसे चुरा लिया? बिट्टू इस दुनिया में है या नहीं और है तो कैसा है? यही सोच अमन को दिन रात परेशान कर रही है। खैर आज़ाद परिंदे बिट्टू की तलाश अब तक जारी है।