ग्वालियर। Saurabh Sharma Case Update : मध्यप्रदेश में पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के केस में आए दिन कई खुलासे होते जा रहे हैं। इस बीच, एक और खुलास हुआ है। बता दें कि मां ने बेटे की अनुकंपा नियुक्ति में बड़ा सच छिपाया था। शपथ पत्र में मां उमा शर्मा ने षडयंत्र रचा था। उमा शर्मा ने लिखा था कि बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ छग के रायपुर में रहता है, वह शासकीय सेवा में नही है। इसी शपथ पथ के आधार पर सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। सौरभ का भाई सचिन शर्मा छग में डिप्टी डायरेक्टर फाइनेंस के पद पदस्थ है।
दरअसल, ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 निवासी सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे। सल 2015 में उनका निधन हो गया था। पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद छोटे बेटे सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का षड्यंत्र रचा गया।
अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए शपथ पत्र में सौरभ शर्मा ने लिखा, ”मेरे पिता के आश्रित सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्ध शासकीय सेवा में नहीं है।” जबकि सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा इस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर सरकारी नौकरी कर रहा था।
यही नहीं, सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने भी अपने शपथ पत्र में लिखा, ”मेरा बड़ा पुत्र सचिन शर्मा अपने परिवार के साथ 5 वर्षों से रायपुर (छत्तीसगढ़) में नौकरी कर रहा है जो सरकारी नहीं है और मेरे पति पर आश्रित परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय अथवा निगम मंडल परिषद आयोग आदि में नियमित व नियोजित नहीं है।” अब मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस अब इस वायरल हो रहे शपथ पत्र को जांच में शामिल होकर कार्रवाई करने की बात कर रही है।
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