Case of grant of mining lease in Siddha Pahadh: भोपाल। “निसिचर हीन करउं महि भुज उठाय प्रण कीन्ह, सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाई-जाई सुख दीन्ह” रामचरितमानस की ये चौपाई चित्रकूट के सिद्धा पर्वत की धार्मिक मान्यताओं की गवाही दे रही है। धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि ये पहाड़ ऋषि,मुनियों की अस्थियों से बना था। यहीं भगवान श्री राम ने अपनी भुजाएं उठाकर धरती को निशाचरों से विहीन करने की अखंड प्रतिज्ञा ली थी। लेकिन अब यही ऐतिहासिक पर्वत सियासत की वजह बन गया है। इस खबर को IBC24 ने प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद आज खबर का असर हुआ है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि “चित्रकूट के सिद्धा पहाड़ में खनन की लीज देने का मामला। सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा। यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है।” बता दें कि इस मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर कई गंभी आरोप लगाए थे।
सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा । यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 2, 2022
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Case of grant of mining lease in Siddha Pahadh:खुद को धर्मप्रेमी बताने वाली शिवराज सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिए लगातार धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ वाले निर्णय लेती आई है। अब मध्यप्रदेश के सतना में स्थित सिद्धा पहाड़, जो कि राम वन गमन पथ पर स्थित है, जहां पर प्रभु श्रीराम ने इस भूमि को निशाचरों से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी, उस पहाड़ को खनन के लिए खोदने की शिवराज सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। आस्था के केंद्र इस सिद्धा पहाड़ को खोदने के लिए मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लोक सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है। यह वह पहाड़ है, जिसका उल्लेख रामचरितमानस व वाल्मीकि रामायण में भी है, कि राक्षसों द्वारा ऋषि-मुनियों का वध करने के बाद उनके अस्थि समूह से बने ढेर से यह पहाड़ बना है। भगवान राम के नाम का राजनीति के लिए उपयोग करने वाली भाजपा सरकार अब उनके अवशेषों को सुनियोजित तरीके से नष्ट करने का काम कर रही है। कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी, जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्रीराम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व खत्म नहीं होने देंगे।
खुद को धर्मप्रेमी बताने वाली शिवराज सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिये लगातार धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ वाले निर्णय लेती आयी है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 31, 2022
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Case of grant of mining lease in Siddha Pahadh: बता दें कि भगवान राम की कर्मभूमी चित्रकूट पर बीजेपी सरकार खनन की लीज़ देने की तैयारी में है। प्रस्ताव आखिरी दौर में है। प्रशासन जनसुनवाई कर रहा है। लेकिन कांग्रेस के विरोध के बाद राजनीति गरमा गई। बीजेपी जानती है कि कांग्रेस ने अगर इस मुद्दे को हवा दी तो बीजेपी के सारे गणित फेल हो जाएंगे। अगले साल विधानसभा चुनाव भी है। बीजेपी सरकार फिलहाल कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। क्योंकि इसका असर विंध्य से निकलकर पूरे प्रदेश में जा सकता है। बीजेपी सरकार सालों से राम वन गमन पथ को बड़े कॉरिडोर में विकसित करने के दावे भी कर रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर भी बीजेपी सरकार को अब तक घेरते ही आई है। लेकिन सिद्धा पहाड़ के ताज़ा मामले ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। वो भी तब जब अपने भी बीजेपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हो गए हैं। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी बीजेपी सरकार को खत लिखकर पार्टी पर आने वाले खतरे को लेकर आगाह कर दिया है।
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Case of grant of mining lease in Siddha Pahadh: अगले विधानसभा चुनावों के पहले बीजेपी कांग्रेस की रणनीति देख कर ये तो तय है कि फिर चुनाव राम के नाम पर ही होंगे। लेकिन राम किसके होंगे ये कोई नहीं जानता। दोनों दलों की कोशिश जारी है,राम के नाम पर वोट जुगाड़ने की। कभी बीजेपी भारी है तो कभी कांग्रेस। चित्रकूट के सिद्धा पहाड़ के खनन की लीज़ आखिरी दौर में था लेकिन अब सीएम के निर्देश के बाद बीजेप ने आगामी समय में होने वाले नुकसान की भरपाई पहले ही कर ली है। कांग्रेस के विरोध के बाद बीजेपी सरकार हरकत में आई। सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की रणनीति पर काम भी शुरु हो गया है। उम्मीद है वोट के खातिर ही सही लेकिन बीजेपी सरकार ने उत्खनन नहीं करने का बड़ा फैसला लिया है। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश भी दिए है।
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