Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। बुलडोजर कल्चर पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को तगड़ी फटकार लगाई हो., बावजूद इसके बुलडोजर का डर बनाया जा रहा है। और जब खुद ब्यूरोक्रेट ही आम जनता पर बुलडोजर की धौंस दिखाने लगें तो मामला गंभीर हो जाता है। सतना में तालाब की मेड़ टूटने और तीन कॉलोनियों के जलमग्न होने पर प्रभारी मंत्री हालात का जायजा लेने मौके पर पहुंची, जहां एक फरियादी ने मंत्री जी के सामने ठेकेदार की शिकायत की तो मौके पर मौजूद कलेक्टर साहब को ये इतना नागवार हुआ कि उन्होंने उल्टे फरियादी का ही घर नापने की धमकी दे दी। ऐसे में सवाल है कि क्या लोकतंत्र में आम आदमी को फरियाद करने की भी हक नहीं है? और लोकसेवक अपनी मर्यादा क्यूं पार करते हैं?
ये धौंस…ये रुतबा…ये अकड़… ये अंदाज किसी राह चलने वाले की नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स की है। फरियादी मंत्री जी से शिकायत कर रहा था। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा फरियादी को धौंस दिखा रहे थे और मंत्री जी चुप्पी साधी हुई थीं। दरअसल, सतना के नारायण तालाब की मेड़ टूटने के बाद तीन कॉलोनियों में डूब के हालात बन गए थे। नारायण तालाब में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम चल रहा था। इसी दौरान ठेकेदार की लापरवाही को लेकर एक फरियादी ने आरोप सवाल किया। फरियादी कोई और नहीं बल्कि रिटायर्ड पुलिसकर्मी है।
इधर फरियादी ने मंत्री जी से ठेकेदार की शिकायत की तो उधर, कलेक्टर साहब गुस्सा गए और मंत्री जी के सामने फरियादी को धमाकी दे दी, वो भी बुलडोजर वाली। बुलडोजर का डर कोई और नहीं बल्की एमपी की ब्यूरोक्रेसी खुद इंसाफ मांग रहे लोगों को डरा रही है, वो भी मंत्री की मौजूदगी में। मौके पर मंत्री जी की चुप्पी ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला।
ब्यूरोक्रेट्स के इस धमक ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए, जिसपर मंत्री जी ने खुद सफाई दी। सियासत…सफाई…अपनी तरफ मगर सवाल ये उठ रहा है कि, क्या एमपी में कोई फरियादी को अपनी बोलने तक का अधिकार नहीं है और क्या लोकसेवक की मर्यादा यही है, और मंत्री जी ये धौंस वाली भाषा मंजूर है। उनके सामने डीएम की ऐसा करने की आखिर हिम्मत कैसे हो सकती है?
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