भोपाल : MP Waqf Board’s decision 13 अगस्त को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अब गरीब बच्चों की आर्थिक मदद करने जा रही है। वक्फ बोर्ड ने फैसला किया है कि वक्फ बोर्ड की आय का पचास फीसदी मेधावी बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया जाएगा। जिसके लिए समिति बनाकर जरूरतमंद बच्चों का चयन करेगी। उन्हें अधिकतम 25 हजार रूपये की राशि दी जाएगी। यह फैसला उनका जीवन बदल देगा।
MP Waqf Board’s decision मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अब गरीब बच्चों की तालीम का जिम्मा उठाएगा। इसके तहत वक्फ बोर्ड अपनी वक्फ संपत्तियों से होने वाली आमदनी में से 50 फीसदी खर्च तालीम पर करेगा। वक्फ बोर्ड की इस पहल पर अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल ने बताया कि वक्फ बोर्ड उन छात्रों को मदद करेगा जो दसवीं में 65 फीसदी से अधिक अंक लाएंगे और जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होगी। इसके लिए समितियां जिला स्तर पर समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाएगीं। उन्होंने कहा कि इससे पहले वफ्फ बोर्ड में बैठे असामाजिक तत्व दानदाताओं की संपत्तियों से आय का दुरुपयोग करते थे। जब मध्यप्रदेश में साल भर पहले वक्फ बोर्ड का नए सिरे से गठन हुआ तो हमारी कोशिश है कि बोर्ड की संपत्तियों से होने वाली आय को गरीब लोगों की भलाई के लिए हो खर्च किया जाए। ताकि गरीब बच्चे भी पढ़ लिखकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड पर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं। बोर्ड के कार्यप्रणाली में लापरवाही की शिकायतें मिलती थीं। लोगों ने यहां तक आरोप लगाए कि जितना चंदा मिलता है उसका 10 फीसदी भी बच्चों के विकास पर खर्च नहीं होता। बता दें कि अभी तक वफ्फ बोर्ड की समिति चंदे का 7 फीसदी हिस्सा ही बोर्ड को देती थी। बाकी 93 फीसदी पैसा प्रबंध समितियों के पास रहता था। इसके बाद सरकार ने वक्फ बोर्ड में बदलाव किए। इसी बदलाव के कारण आज का फैसला बड़ा माना जा रहा है। अब वक्फ बोर्ड के इस फैसले में जिला स्तर की समितियों का अहम रोल होगा। उन्हें उन बच्चों का चयन करना होगा जो पढ़ने में न केवल होशियार हों, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत भी हो।
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