#SarkaronIBC24: भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव का मतदान हो गया है… अब नेताओं से लेकर आम आदमी को 3 दिसंबर का इंतजार है… 3 दिसंबर की तारीख.. मध्यप्रदेश की नई सरकार बनाएगी… तो वहीं कई नेताओं के राजनीतिक जीवन उदय करने के साथ, उनके राजनीतिक जीवन पर प्रश्न चिन्ह भी लगा देगी… इसके साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं के राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगे हुए है… हांलकि दोनों ही दल के नेता अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे है..
3 दिसंबर को मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने हैं… कई दिग्गजों की सांसे EVM में कैद हैं.. क्योंकि 2018 चुनाव कई मायनों में अलग था.. लेकिन दलबदल के बाद ग्वालियर चंबल की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है… अब सत्ता का समीकरण इसी दलबदल की राजनीतिक समीकरणों के इर्द गिर्द घूम रहा है,… दांव पर कई दिग्गजों की साख है.. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बीजेपी में बड़ा नाम हैं… लेकिन सबसे ज्यादी नजरें जिसपर टिकी हैं वो हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया… सिधिया चुनाव तो नहीं लड़ी रहे लेकिन ग्वालियर चंबल के राजनीतिक रुख को मोड़ने में बड़ी भूंमिका निभाते हैं,.. और अगर बीजेपी को ग्वालियर चंबल में नुकसान उठाना पड़ता है तो इससे सीधा नुकसान सिंधिया की छवि को भी पहुंचेगा.. वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह भी इस क्षेत्र में बड़ा दबदबा रखते हैं… अब कांग्रेस 2018 दोहराती है या जनता बीजेपी पर विश्वास दिखाती है यही सवाल राजनीतिक पंडितों के जहन में घूम रहा है…
भले ही इस क्षेत्र को ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में माना जाता हो, लेकिन ग्वालियर-चंबल संभाग में अनुसूचित जाति के वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है और ये वोटर्स किसी भी दल का खेल बिगाड़ देने की स्थिति में रहते हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में गुना, अंबाह, डबरा, भांडेर, गोहद, करैरा और अशोकनगर सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित हैं। हालांकि कि बीजेपी का दावा है… उन्हें सरकार बनाने का बहुमत मिलेगा। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी..
आंकलन और दावे जो भी हो ग्वालियर-चंबल संभाग में अपनी-अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अपने गढ़ में पूरी ताकत लगाए हुए हैं। तो वहीं बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी भी अपना पूरा दम लगाए हुए हैं। अब 3 दिसंबर को जब मतगणना होगी तब पता चलेगा कि मतदाताओं ने किस दल पर ज्यादा भरोसा जताया है..।
भारत के साथ अपनाए गए दृष्टि पत्र को पूरी तरह…
9 hours ago