STF constable sentenced to 7 years in exam scam: भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में आरक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाले को लेकर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी में आरोपी को सात साल की सजा सुनाई गई है। 2012 में आरक्षक भर्ती में आरोपी शामिल हुआ था। रतलाम के जितेंद्र टांक ने सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास की थी। 11 साल पुलिस की नौकरी के बाद अपराध दर्ज हुआ।
राजधानी की एक अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं ) (नाम बदलकर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा वर्ष 2012 में आयोजित की गई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में पकड़े गए आरोपी जितेन्द्र टांक उम्र 32 वर्ष को दोषी ठहराते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की विशेष अपर सत्र न्यायाधीश नीतिराज सिसोदिया की अदालत ने दोषी ठहराते हुए 7 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ दस हजार रुपए के जुर्माना से दंडित किया है। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अधिकारी सुनील श्रीवास्तव ने प्रकरण में पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी जितेन्द्र टांक जो कि मंदसौर जिले के दलौदा ग्राम का रहने वाला है। वर्ष 2012 में व्यापमं द्वारा पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमे आरोपी जितेन्द्र का चयन फर्जी तरीके से हुआ था। एसटीएफ पुलिस को आरोपी के द्वारा फर्जी साल्वर को अपने स्थान पर परीक्षा में बैठाकर परीक्षा पास कर चयन होने की शिकायत प्राप्त हुई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी तो पाया गया कि उत्तर पुस्तिका, उपस्थिति रजिस्टर में आरोपी के हस्ताक्षर और अंगूठे के चिन्ह फर्जी पाए गए थे।
STF constable sentenced to 7 years in exam scam: शिकायत सही पाए जाने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भादस की धारा 419, 420, 467, 468, 471 तथा मप्र मान्यता प्राप्त अधिनियम की धारा 3(घ)/4 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना बाद चालान अदालत में पेश किया गया था। अदालत में चली सुनवाई के दौरान प्रकरण में आई साक्ष्य और गवाही को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी उक्त सजा के साथ जुर्माने से दण्डित किया है।