भोपाल। फेस टू फेस मध्य प्रदेश भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है केंद्र के साथ-साथ 17 राज्यों में उसकी सरकार है, लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर जयवर्धन ने एमपी में भाजपा को तीन भागों में बंटा हुआ बताया है। शिवराज भाजपा, महाराज भाजपा और नाराज भाजपा अब जयवर्धन के बयान में कोई दम है या वो राजनीतिक माहौल बनाने के लिए हवा-हवाई वाले कर रहे हैं, आज यही हमारी डिबेट का विषय है।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में जीत के बावजूद कांग्रेस अपनी कुसी नहीं बचा पाई और कांग्रेस की अलकलह का फायदा उठाकर बीजेपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो गई। अब प्रदेश एक बार फिर चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। लेकिन इस बार पार्टियों की तस्वीर थोडी बदल गई है।
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कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेसी बीजेपी पर सौदेबाजी के आरोप लगाकर लगातर कोस रहे हैं तो इधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने से क्षत्रपों के नए समीकरण बन गए हैं और इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे है। CM शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय नरोत्तम मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कद्दावर नेताओं के कद और वर्चस्व को लेकर कयासी की लहरे शांत होने का नाम नहीं से रही कांग्रेस इसे गुटबाजी करार दे रही है। मुरैना में पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में बीजेपी शिवराज भाजपा महाराज भाजपा और नाराज भाजपा में बंट गई है।
इस दावे पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी का कहना है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ की नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से नहीं बनती. उसकी गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। बाइट- रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री बीजेपी। बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात में पर सीटें हासिल की लेकिन हिमाचल प्रदेश में उसे शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पार्टी की पड़ताल में पता चला कि सम में गुटबाजी की वजह से बीजेपी सत्ता से दूर रह गई। इसी तरह मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव जीतकर भी अपनी कुर्सी बरकत नहीं रख पाई। जाहिर है कल रहते सियासी दलों में अंदरखाने नाराजगी और गुटबाजी पर रोक नहीं लगाई तो मिशन 23 की राह मुश्किल हो जाएगी।
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