Face To Face Madhya Pradesh

Face To Face Madhya Pradesh: इबादत Vs सियासत..काली पट्टी में नमाज, वक्फ बिल के विरोध का क्या ये सही मौका है?

Face To Face Madhya Pradesh: इबादत Vs सियासत..काली पट्टी में नमाज, वक्फ बिल के विरोध का क्या ये सही मौका है?

Edited By :  
Modified Date: March 29, 2025 / 12:08 AM IST
,
Published Date: March 29, 2025 12:08 am IST
HIGHLIGHTS
  • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर न सिर्फ काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी बल्कि बिल को रद्द करने की मांग भी की।
  • मोदी सरकार ने ईद के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लाने की पूरी तैयारी कर ली है।

भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: माह ए रमजान में जुमे की एक अलग एहमियत होती है और खासकर तब जब अलविदा का जुमा हो। इबादत के इस मुकद्दस मौके पर काली पट्टी का आखिर क्या काम है? वक्फ संशोधन बिल के विरोध में ज्यादातर नमाजी इसी अंदाज में मस्जिदों तक पहुंचे जहां उन्हे सिर्फ इबादत होनी थी वहां सियासत हो रही है वो भी रमजान के अलविदा जुमे की नमाज पर। माना कि देश में जम्हूरियत है और सबको अपनी बात रखने की आजादी है पर मस्जिदों में इबादत की जगह सियासत क्यों ये सवाल इसलिए हैं की क्या विरोध की ये जगह और तरीका सही है, क्या समय सही है, चलिए मान लिया बात सही भी है। वक्फ बिल पर विरोध करना मुस्लिमों का हक़ है लेकिन कब, कहां, कैसे विरोध किया जाए। इसका भी ध्यान रखना क्या जरूरी नहीं है, क्या विरोध की ये नई रवायत मजहब और सियासत के घालमेल को और तेज नहीं करेगी और क्या इससे धर्म में राजनीति की दखलंदाजी और नहीं बढ़ेगी?

Read More: #Sarkaronibc24: संसद में सुनाई पड़ी सपा सांसद के घर करणी सेना के हमले की गूंज, दलित कार्ड खेल रही कांग्रेस? 

काली पट्टी बांधकर इबादत करते नमाजियों की ये तस्वीरें भोपाल की सबसे बड़ी मस्जिद की है। रमजान के मौके पर हजारों नमाजियों ने वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर न सिर्फ काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी बल्कि बिल को रद्द करने की मांग भी की। चलिए मान लेते हैं देश में जम्हूरियत हैऔर सबको अपनी बात रखने की आजादी है, लेकिन इबादत की जगह सियासत क्यों क्या जुमा की नमाज के दौरान सियासी प्रदर्शन क्या जायज है? ऐसे कई सवाल हैं, जो नमाजियों के प्रदर्शन के बाद उठ रहे हैं जाहिर है सवाल है तो सियासत कैसे न होगी। बीजेपी और कांग्रेस ने एक काले पट्टी के बहाने रमजान पर राजनीति का नया रंग घोल दिया।

Read More: CG Ki Baat: सौगात ए मोदी..क्यों भड़के विरोधी? बीजेपी के मुस्लिम प्रेम से कांग्रेस क्यों बेचैन है? 

– नए बिल के अनुसार जमीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
– वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
– जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो, उस पर भले ही मस्जिद बनी हो पर वह वक्फ की संपत्ति नहीं होगी।
– वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों को एंट्री मिलेगी।

Read More: #Sarkaronibc24: छत्तीसगढ़ की जनता को रिटर्न गिफ्ट देंगे मोदी! कांग्रेस ने कसा तंज, PM के दौरे की तैयारी में ED और CBI भी लगे

Face To Face Madhya Pradesh: वक्फ संशोधन बिल का पूरे देश में मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर मोदी सरकार ने ईद के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लाने की पूरी तैयारी कर ली है। यानी वक्फ बिल को लेकर सियासी बवाल जारी रहेगा, लेकिन बड़ा सवाल है कि मस्जिदों में काली पट्टी लगाकर पहुंचने के मायने आखिर क्या हैं? विरोध की ये नई रवायत मजहब और सियासत के घालमेल को और तेज नहीं करेगी और क्या इससे धर्म में राजनीति की दखलंदाजी और नहीं बढ़ेगी?