Mohan Cabinet Meeting : अब पूरे प्रदेश में होगा सायबर तहसीलों का विस्तार.. CM की अगुवाई में लिया गया यह बड़ा फैसला, जानें कैसे मिलेगा फायदा

MP cabinet decisions : साइबर तहसील परियोजना का विस्तार पूरे प्रदेश में होगा।

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  • Publish Date - August 20, 2024 / 06:35 PM IST,
    Updated On - August 20, 2024 / 06:52 PM IST

भोपाल : MP cabinet decisions मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस दौरान बैठक में कई अहम फैसले लिए गए और कई प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि साइबर तहसील पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 2 जिलों में शुरू की गई थी, साइबर तहसील परियोजना का विस्तार पूरे प्रदेश में होगा, हर जिले में होगी साइबर तहसील। तो तफसील से जानतें हैं कि क्या है सायबर तहसील परियोजना ? और इसके तहत कौन-कौन सी सुविधा सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही है।

MP cabinet decisions मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मार्गदर्शन और पीएम मोदी के नेतृत्व में सुशासन के अंतर्गत संचालित साइबर तहसील प्रदेश सरकार की अभिनव पहल है। राज्य में साइबर तहसील की स्थापना से पहले, नागरिकों को भूमि अभिलेखों में पंजीकरण और उसके क्रियान्वयन के बाद नामांतरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कई कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब, साइबर तहसील के साथ, निर्विवाद नामांतरण मामलों का ऑनलाइन निराकरण किया जाता है, जिससे नागरिकों के लिए यह अधिक सुविधाजनक हो गया है।

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सायबर तहसील की नवीन व्यवस्था

साइबर तहसील की नवीन व्यवस्था के अंतर्गत प्रकरण दर्ज होते ही पोर्टल द्वारा स्वतः ही ऑनलाइन सूचना पत्र, पटवारी मेमो और प्रथम पेशी दिनांक जारी किए जा सकेंगे। नागरिकों को दावा आपत्ति संबंधी लिंक, आदेश प्रति, अद्यतन खसरा और नक्शों की प्रतियां एसएमएस, व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से घर बैठे प्राप्त होंगी। पटवारी प्रतिवेदन, खसरा नक्शा ड्राफ्ट सम्बंधित कार्य ऑनलाइन कर सकेंगे। राजस्व विभाग के इस नवाचार के लागू होते ही पहले जहां नामांतरण प्रक्रिया में औसतन 70 से 100 दिवस लगा करते थे अब वही कार्य 25 दिवसों के भीतर पूर्ण किया जा सकेगा।

वहीं राजस्व आयुक्त ने बताया कि साइबर तहसील की स्वचलित प्रणाली के लागू होने से न केवल शासन के प्रति नागरिकों में विश्वसनीयता बढ़ेगी अपितु क्षेत्रीय तहसील स्तर पर कार्यरत अधिकारियों एवम् कर्मचारियों की कार्यदक्षता में भी वृद्धि होगी। नागरिकों को न्यायालय बार बार आने-जाने की आवश्यकता नहीं होने से पैसों और समय की बचत होगी। इससे अविवादित प्रकरणों का निराकरण, विधिपूर्ण उन्नत तकनीक की सहायता से किया जा सकेगा। साथ ही तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार विवादित प्रकरणों के निराकरण में अधिक समय दे सकेंगे जिससे विवादित प्रकरण भी आपसी सहमति से त्वरित निराकृत होंगे। आधुनिक तकनीक के उपयोग और इस बहुउद्देशीय प्रणाली से नागरिक को एण्ड टू एण्ड रजिस्ट्री से नामान्तरण तक की सुविधा आरसीएमएस (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) पर कम से कम समय में रियल टाइम में ऑनलाइन सिस्टम घर बैठे ही प्राप्त हो सकेगी।

मोहन मंत्रिमंडल के अन्य फैसले

ग्वालियर में ईओडब्लू कार्यालय की स्थापना की जाएगी। यहां एसपी स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा।

सिंगरौली के चितरंगी में माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं।

1320 करोड़ की लागत से इस योजना के शुरुआत होगी।

142 गांव को इससे फायदा मिलेगा। बिजली के साथ सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी।

मिशन शक्ति के तहत वीमेन एंपावरमेंट हब को मंजूरी मिल गई है। 364 पदों की स्वीकृति दी गई है।

मदरसों में अन्य धर्मों के बच्चों को शिक्षा देने पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी मंत्री हर महीने प्रभार के जिले में एक दिन प्रवास करेंगे। वे रात्रि विश्राम कर जनता की समस्याओं को जानेंगे।

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