भोपाल: मध्यप्रदेश में पावर में आई डॉ मोहन यादव की सरकार ने स्वास्थ्य मामलों में सुधार को लेकर सख्ती दिखाई है। इसी कड़ी में भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ने एक अहम आदेश जारी किया है। स्वास्थ्य प्रशासन ने इन नए निर्देशों को तत्काल लागू करने और इस संबंध में लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश भी दिए है।
दरअसल भोपाल के हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ आशीष गोहिया ने अपने मातहत सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि चिकित्सक और फार्मासिस्ट अपनी पर्चियों में दवाओं के नाम अंग्रेजी में लिखे जाने पर केपिटल लैटर यानी बड़े अक्षरों का इस्तेमाल करेंगे। वे पर्ची लिखते वक़्त रनिंग राइटिंग का उपयोग नहीं करेंगे ताकि मरीज अथवा परिजनों या फिर दवा दूकान संचालको को दवाओं का नाम पढ़ने में किसी तरह की समस्या न आएं। अधीक्षक ने इस फैसले को तत्काल अमल में लाने को कहा है। गौरतलब हैं कि इस बारें में पहले भी गाइडलाइंस जारी किये जा चुके है। 9 दिसंबर 2014 और फिर 2015 में एमसीआई ने डॉक्टर्स के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे।
दरअसल पिछले दिनों हमीदिया अस्पताल के निरीक्षण में सामने आया कि आदेश और निर्देश के बाद भी यहां के महज 40 प्रतिशत डॉक्टर्स ही जेनेरिक में दवा लिखते हैं। बाकी ज्यादातर डॉक्टर ब्रांडेड दवा लिखकर मरीजों को बाहर से दवा खरीदने की सलाह दे देते हैं।
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