MP Politics: भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री अब नई कार में घूमेंगे। मंत्रियों के लिए नई 25 इनोवा क्रिस्टा कार खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। स्टेट गैरेज के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने दी मंजूरी दी है। नई सरकार में 25 नई कार खरीदने के लिए प्रस्ताव स्टेट गैरेज से वित्त विभाग को भेजा गया था। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही नई कारों की खरीदी हो जायेगी। इसपर सियासत भी शुरू हो गई है, कांग्रेस ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया है और सवाल खड़े किये हैं तो सरकार इसे जरूरत बता रही है।
एमपी में एक तरफ जहां वित्तीय वर्ष में एमपी सरकार ने करोड़ों का कर्ज लिया तो वहीं, दूसरी तरफ माननीय मंत्री अब आपको नई कारों में घूमते दिखाई देंगे। दरअसल, आचार संहिता हटने के बाद राज्य सरकार अपने मंत्रियों के लिए 25 इनोवा क्रिस्टा कारें खरीदेगी। मंत्रियों के लिए खरीदी जाने वाली इन लग्जरी कारों पर 4.75 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इधऱ, मंत्रियों के लिए कार खरीदने पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं, कि एमपी में मंत्रियों की गाड़ियों की हालत बहुत अच्छी है फिर भी नई कार क्यों खरीदी जा रही है..?
कांग्रेस के आरोपों पर कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, कि कांग्रेस का काम मीन मेख निकालना है। मुख्यमंत्री की सोच है हर मंत्री को एक सी गाड़ियां दे दो, जो मौजूदा गाड़ियां है। मंत्रियों की पहली पसंद इनोवा क्रिस्टा है , मंत्रियों की मांग को देखते हुए स्टेट गैरेज ने प्रस्ताव वित्त विभाग के पास भेजा था जिसे वित्त विभाग ने मंजूर कर दिया है। लेकिन, वर्तमान में मंत्रियों के पास ज्यादातर कारें नई हैं, जो 2022-2023 में खरीदी गई हैं। हालांकि, मंत्रियों के वाहन चालकों के यूनियन ने नई कारों की खरीदी को समय की आवश्यकता बताया है। लेकिन, ये भी कहा कि स्टेट गैरेज में अब अमला नहीं है।
MP Politics: दरअसल, वित्त विभाग के नए नियमों में अब एक लाख रुपए से ज्यादा की कीमत या तीन साल तक चलने वाली बाइक, कंप्यूटर, लैपटॉप, फर्नीचर और मंत्री-अफसरों की कारों की खरीदी का खर्चा प्रदेश के विकास में खर्च माना जाएगा। ये नई व्यवस्था पहली बार की गई है, ताकि इन खर्चों को प्रदेश के विकास में खर्च बताया जा सके। मंत्रियों के लिए 25 नई कारों की खरीदी भी इसी कैपिटल एक्सपेंडिचर में की जाएगी।