MP Politics: भोपाल। मध्यप्रदेश में ST-SC के खिलाफ कथित उत्पीड़न के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। खासकर सीधी में आदिवासी युवक की निर्मम पिटाई के बाद ये मामला और संगीन हो गया है। वहीं, लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कांग्रेस ने भोपाल में प्रदर्शन भी किया है। क्या इस मामले में सरकार को घेर पाएगी विपक्ष या केवल शोरगुल के साथ ये मुद्दा खत्म हो जाएगा?
एमपी में आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों से हो अत्याचार के विरोध में आज कांग्रेस ने भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करने की कोशिश की और बड़ा प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस प्रदर्शन से साफ कर दिया कि वो दलित-आदिवासी उत्पीड़न का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरती रहेगी।
फिलहाल दलित आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार से जुड़ा ताजा मामला सीधी जिले का है, जहां एक आदिवासी युवक की बेदम पिटाई का आरोप तीन पुलिसवालों पर लगा है। हालांकि, इस मामले में एसपी ने विभागीय जांच शुरु कर आरोपी एसआई और पुलिसवालों को लाइन अटैच जरुर कर दिया है। लेकिन, इस घटना के जरिए कांग्रेस बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है। कांग्रेस अपराध से जुड़े हर मुद्दे को उठाकर बीजेपी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार कर रही है।
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे पीसी शर्मा ने भी ये दावा किया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मामले में गंभीर नहीं है और बीजेपी सरकार को कमलनाथ सरकार के दौरान तैयार किए गए अंबर एप को लागू करने की सलाह दी, जबकि बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज है।
विपक्ष में बैठी कांग्रेस ऐसे किसी भी मामले पर सरकार को घेरने का मुद्दा नहीं छोड़ना चाहती। क्योंकि दलित-आदिवासियों को मिलाकर प्रदेश की 38% आबादी आती है और विपक्ष ये साबित भी करना चाहता है कि दलित और आदिवासियों का उनसे बड़ा रहनुमा और कोई नहीं है। लेकिन, सियासी विरोध और तमाम तर्कों के बीच उनकी सुरक्षा और अस्मिता रह जाती है।
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