Reported By: Vivek Pataiya
,Good News For Service Women: भोपाल। लाड़ली बहनों के बाद कामकाजी महिलाओं को सरकार का बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। प्रदेश की सर्विस वूमेन को मोहन सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है। मोहन सरकार प्रदेश के भोपाल, इंदौर समेत 10 शहरों में वर्किंग वूमेन के लिए हॉस्टल बनाने की तैयारी कर रही है। इन हॉस्टल में वह महिलाएं रहेगी जो अपने शहर और घरों से बाहर आकर काम कर रही है, उन्हें सरकार हॉस्टल की सुविधा देगी। महिलाओं को कम दरों पर ज्यादा सुरक्षा वाले हॉस्टल रूम ले सकेंगी।
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने महिला सशक्तिकरण के सहारे मिशन 2028 के लिए अभी से बिसात बिछानी शुरू कर दी है। लाड़ली बहना योजना की तर्ज पर ही अब कामकाजी महिलाओं के लिए भी बीजेपी सरकार अभी से योजना की प्लानिंग में जुटी है। मोहन सरकार भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित 10 शहरों में कामकाजी महिला हॉस्टल बनाने जा रही है। अब महिलाओं को कम खर्चे पर अधिक सुरक्षा वाले ठिकाने मिल सकेंगे। घरों से बाहर रहकर नौकरी करने वाली महिलाएं और युवतियां ही इन हॉस्टलों में ठहर सकेंगी। इन शहरों में नौकरी पेशे से जुड़ी महिला जो किराए के मकान में जीवन यापन कर रही है, उसे भी सरकार हॉस्टल देगी। हॉस्टल में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा की पूरी गारंटी रहेगी।
सरकार ने निर्माण और संचालन के दो मॉडल तैयार किए हैं। पहला मॉडल के तहत ज्यादातर हॉस्टल का निर्माण नगरीय निकाय करेंगे। संचालन की जिम्मेदारी भी निकाय के कंधों पर रहेगी। दूसरे मॉडल में कुछ हॉस्टल के निर्माण की योजना पीपीपी मोड आधार पर बनाई है। ऐसे हॉस्टल का संचालन एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा। दो चरणों में सरकार कामकाजी महिला हॉस्टल बनाने जा रही है। पहले चरण में भोपाल के अलावा औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप, इंदौर के अलावा पीथमपुर, जबलपुर, ग्वालियर, देवास, उज्जैन, धार और सागर में हॉस्टल बनाने की योजना है। वहीं, दूसरे चरण में प्रदेश के अन्य शहरों को शामिल किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार की चौथी बार सत्ता में वापसी का एक बड़ा कारण महिलाओं का वोट रहा है। लाड़ली बहना योजना ने बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता दिलाई है। ऐसे में अब जब 2028 -29 के चुनाव 33 फीसदी महिला आरक्षण के अनुसार होने है। इसलिए बीजेपी सरकार ने अभी से महिला वोटरों के लिए योजना बनाने पर काम शुरू कर दिया है। लेकिन, सरकार की वर्किंग वूमेन के लिए हॉस्टल योजना लागू होने के पहले ही सियासत शुरू हो गई है। जहां बीजेपी सरकार की तारीफ कर रही है तो वहीं कांग्रेस बीजेपी पर सवाल खड़े कर रही है।
हिंदुस्तान के दिल में बसा मप्र में महिलाओं के विकास के लिए बनी योजनाएं देश के कई राज्यों में अलग अलग नामों से संचालित हो रही है, चाहे लाड़ली लक्ष्मी योजना हो लाड़ली बहना योजना हो या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना आज कई राज्य अपना रहे है और इसलिए मप्र महिला सशक्तिकरण का रोल मॉडल बन गया है। इन्हीं महिला सशक्तिकरण योजनाओ के बुते ही बीजेपी आधी आबादी के वोट पर मजबूत पकड़ बना रही है। यानी अब 33 फीसदी आरक्षण के साथ होने वाले 2028-29 के चुनाव महिला वोटरों के सहारे जितने के लिए अभी से जतन शुरू हो गए हैं। वर्किंग वूमेन के लिए हॉस्टल योजना भी उसी का एक हिस्सा है।