भोपाल: मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरों में शराब पर बैन लग सकता है। सरकार इन नगरों में शराब पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने के मूड में हैं। मोहन यादव की अगुवाई वाली भाजपा सरकार इसके लिए शराब नीति में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। सीएम मोहन यादव ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है किहमारी सरकार धार्मिक नगरों पर अपनी नीति में संशोधन करने और धार्मिक नगरों से शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ने पर विचार कर रही है। अनेक संतों ने सुझाव दिया है और हमारी सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है। हम गंभीर हैं और इस मामले पर हम बहुत जल्द कोई निर्णय लेंगे। हालांकि इस पर अब सियासत भी गर्म होने लगी है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पर तंज कसा है।
उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री को उज्जैन से शुरुआत करनी चाहिए। धार्मिक नगरी में ही नहीं.. पूरे प्रदेश भर में शराब बंदी होना चाहिए। आखिर मुख्यमंत्री बताएं कि कब आदेश निकलेगा? कब इसका पालन किया जाएगा? मुख्यमंत्री धार्मिक नगरी के अलावा दूसरे जिलों को क्यों छोड़ रहे हैं? क्योंकि वहां से तो गुजरात शराब सप्लाई किया जाना है। दूसरे राज्यों के जरिए गुजरात शराब भेजने के लिए ऐसा कदम उठाए जा रहा है।
वहीं अब उमंग सिंघार के बयान को लेकर भी पलटवार शुरू हो गया है। बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस पहले यह बताएं कि क्या वह सरकार के इस निर्णय से सहमत नहीं है? क्या कांग्रेस चाहती है कि मंदिरों के पास में शराब की बिक्री हो? बीजेपी की सरकार जनता से जो वादे करती है उनका पूरा करने का काम करती है। इसीलिए जनता का भरपूर समर्थन मिलता है।