Criteria set for the appointment of social media functionaries: भोपाल। मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए मिशन 2023 की तैयारियां शुरू हो गई है। आगामी चुनाव को लेकर अपने आप को सोशल मीडिया पर नंबर 1 बताने कांग्रेस और धारदार बनने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने सोशल मीडिया टीम में चयन के लिए मापदंड तय किए है। कांग्रेस के मुताबिक कांग्रेस की पूरे देश की सभी राज्य इकाइयों और मध्यप्रदेश की बीजेपी से अधिक फालोवर वाली पार्टी है। कांग्रेस पार्टी ने ग्वालियर-चम्बल संभाग की सोशल मीडिया इकाइयों को भंग करने के बाद नई नियुक्ति के लिए जो मापदंड निर्धारित किये हैं वो काफी सख्त होने के साथ-साथ सोशल मीडिया की मजबूती के लिए बेहद जरूरी भी हैं। जिसे देखते हुए अब ये मापदंड मध्य प्रदेश में भी लागू होने जा रहे है।
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Criteria set for the appointment of social media functionaries: कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया में नियुक्ति के लिए जो मापदंड तय किये हैं उसके अनुसार पद के इच्छुक व्यक्ति के पास ट्विटर एवं इन्स्टाग्राम पर सक्रिय अकाउंट होना चाहिए, फेसबुक पर न्यूनतम 4000 फ्रेंड/फालोवर, ट्विटर पर न्यूनतम 200 फालोवर, इन्स्टाग्राम पर न्यूनतम 500 फालोवर और अपने क्षेत्र के 100 से अधिक व्हाट्सअप ग्रुप का मेंबर भी होना चाहिए। अब पार्टी सोशल मीडिया विभाग में उन्हें ही नियुक्ति देगी जो प्रतिदिन पार्टी को 4 घंटे से अधिक का समय देंगे और फ़ेसबुक, ट्विटर एवं इन्स्टाग्राम पर 5 से अधिक पोस्ट प्रतिदिन कर सकेंगे।
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Criteria set for the appointment of social media functionaries: मध्यप्रदेश कांग्रेस अब किसी को भी अपना पदाधिकारी बनाने के पहले उसकी पिछली गतिविधियों की भी गहनता से छानबीन करेगी। पिछले उपचुनाव, नगर निगम चुनाव और पंचायत चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में किये कार्यों का भी समुचित आकलन और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने को भी आधार माना जाएगा। ऐसी ही कई और शर्तों के साथ कांग्रेस पार्टी ग्वालियर-चम्बल में सोशल मीडिया की नई टीम का गठन करेगी।
Criteria set for the appointment of social media functionaries: आपको बता दें कि कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम में गजब की कसावट आई है और पूरी बीजेपी कांग्रेस की सोशल मीडिया की सक्रियता से भयभीत है। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारी मध्यप्रदेश कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के कार्यों का जिक्र अपनी अंदरूनी बैठकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में करते आये हैं। सोशल मीडिया में पहले से बेहद मजबूत कांग्रेस की टीम अब और अधिक मजबूती की कोशिश में है, यह निश्चित ही बीजेपी के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है।