Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। मध्य प्रदेश में छतरपुर हिंसा के बाद हुई कार्रवाई पर जमकर सिया हो रही है। एक तरफ सत्ता पक्ष ने इस बुलडोजर वाली कार्रवाई का समर्थन किया है तो दूसरी ओर विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए पक्षपात-पूर्ण कार्रवाई बताया है। इस तरह बुलडोजर के इंसाफ पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
छतरपुर में पुलिस पर पथराव और उसके बाद आरोपियों के घरों पर हो रहे बुलडोजर वाले एक्शन पर अब सियासत गरमा गई है। पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने X पोस्ट कर ये कहा कि CM मोहन यादव के इशारे पर पर केवल मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है तो अब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने X पोस्ट कर कहा है कि जिस तरह से कार्रवाई की गई है, उससे लगता है कि एमपी संविधान समाप्ति की ओर है। बिना नोटिस दिए मुसलमानों के मकान को तोड़ दिया जा रहा है।
भीम आर्मी के मुखिया और यूपी के नगीना के सांसद चंद्रशेखर ने भी सीधा आरोप बीजेपी पर लगाया कि, सीएम मोहन यादव के इशारे पर हाजी शहजाद का घर ध्वस्त किया गया। ऐसा लगता है कि सरकार ही न्यायपालिका हो गई है, जबकि बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा अपराधियों को बिरयानी खिलाने का काम करती है, जो कानून का उल्लंघन करेगी, मोहन सरकार उसके साथ ऐसा ही एक्शन लेगी।
छतरपुर शहर में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च भी निकाला गया। आज जुमे की नमाज का दिन था, इसलिए पुलिस पूरे शहर में मस्जिदों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई, ताकि कोई उपद्रव न हो सके। इधर छतरपुर मामले में आरोपी ने खुद को बेकसूर बताया है। मुख्यमंत्री ने फिर से दोहाराया कि कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त एक्शन होगा। कुल मिलाकर बुलडोजर वाली कार्रवाई के बाद एक बार फिर से कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई है।
कांग्रेस का तर्क है कि बिना किसी समन और नोटिस दिए प्रशासन ने मकान तोड़कर मनमानी की है तो दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी हमेशा अपराधियों के साथ क्यों खड़े हो जाती है। सभी तर्क, आऱोप और प्रत्यारोपों के बीच छतरपुर एमपी का हॉटस्पॉट बन चुका है।